'वन नेशन वन इलेक्शन' बिल के विरोध पर गरजे चिराग पासवान, कहा- विपक्ष बताए किस तरह संविधान विरोधी है?
Chirag Paswan: चिराग पासवान ने वन नेशन वन इलेक्शन बिल की वकालत की है. उन्होंने कहा कि हम भी तो क्षेत्रिये पार्टी हैं, जेडीयू भी है. हमे तो नहीं लगता कि इस बिल से छोटी पार्टियां खत्म हो जाएंगी.
Union Minister Chirag Paswan News: वन नेशन वन इलेक्शन बिल मंगलवार लोकसभा में पेश हो गया है. हालांकि विपक्ष ने पेश किए गए इस विधेयक को खारिज कर दिया है. लोकसभा में इस बिल को लेकर सरकार-विपक्ष में गतिरोध बना हुआ है. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया है. इस पूरे मुद्दे पर बिहार के युवा नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. चिराग ने विपक्ष पर जमकर निशना साधा है.
चिराग ने की बिल की वकालत
चिराग पासवान ने वन नेशन वन इलेक्शन बिल की वकालत करते हुए कहा कि हम भी तो क्षेत्रिये पार्टी हैं, जेडीयू भी है. हमें तो नहीं लगता कि इस बिल से छोटी पार्टियां खत्म हो जाएंगी. इसमें परेशानी क्या है, विपक्ष बेवजह इस बिल पर लोगों को गुमराह कर रहा है. इस बिल में कोई परेशानी नहीं है. उन्होंने आंध्र प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि क्या आंध्र प्रदेश में एक क्षेत्रीय दल की जीत नहीं हुई?
#WATCH दिल्ली: 'एक राष्ट्र एक चुनाव' पर विपक्ष की प्रतिक्रिया पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, "मैं यह जानना चाहता हूं कि यह(एक राष्ट्र एक चुनाव) किस तरह संविधान विरोधी है?...वे(विपक्ष) इतने समय से केवल रट्टा मार रहे हैं कि यह संघीय ढांचे के खिलाफ है लेकिन यह कैसे संघीय… pic.twitter.com/sINb9THa5t
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 17, 2024
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, "मैं यह जानना चाहता हूं कि यह (एक राष्ट्र एक चुनाव) किस तरह संविधान विरोधी है?वे (विपक्ष) इतने समय से केवल रट्टा मार रहे हैं कि यह संघीय ढांचे के खिलाफ है, लेकिन यह कैसे संघीय ढांचे के खिलाफ है यह तो बताएं. अगर देश में एक साथ चुनाव हो रहे हैं तो कैसे संघीय ढ़ांचे पर प्रभाव हो रहे हैं? विपक्ष माहिर है झूठ बोलने में. छोटे दल भी इसका समर्थन कर रहे हैं.अफवाह फैलाना गलत है. आज की तारीख में जनता को गुमराह नहीं किया जा सकता है.
बिल पर कांग्रेस का क्या है कहना?
बता दें कि कांग्रेस ने इस विधेयक को “असंवैधानिक” बताया है. पार्टी का कहना है कि ये संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ है. पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि भले ही एनडीए की सहयोगी टीडीपी और जेडीयू इसका खुले तौर पर विरोध न करें, लेकिन वे नहीं चाहते हैं कि यह बिल पारित हो. वहीं बिहार की आरजेडी और वाम दलों ने भी इस बिल का पुरजोर विरोध किया है.
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