Bihar Politics: कभी सीएम नीतीश की आलोचना करने वाले गिरिराज सिंह ने भी उन्हें भारत रत्न देने की कर दी मांग, आखिर मजबूरी क्या है?
Giriraj Singh: अब गिरिराज सिंह ने भी नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग कर दी है, यह सबसे बड़ी बात है. क्योंकि अभी तक बीजेपी के किसी नेता ने नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग नहीं की थी.
Giriraj Singh Demanded: 2025 में बिहार विधानसभा का चुनाव होना है. अब तकरीबन 11 महीने शेष रह गए हैं. उससे पहले बिहार की राजनीतिक उठा पटक का दौर भी तेजी से चल रहा है. ऐसी चर्चा चल रही है कि अमित शाह के बयान के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नाराज चल रहे हैं. जहां कयासों का दौर चल रहा है तो इसी बीच बीजेपी के फायर ब्रिगेड नेता कहे जाने वाले की गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग कर दी है.
गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार के किए गए कामों की जमकर तारीफ की है और कहा है कि ऐसे व्यक्ति को पुरस्कृत होना जरूरी है. किसी भी पद से इन्हें सम्मानित करना चाहिए जैसे भारत रत्न जैसी उपाधि हो. हालांकि नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग पहले भी जेडीयू की तरफ से उठाई गई थी.
बीजेपी के किसी नेता ने पहली बार की है ये मांग
पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने अपने बयान में कहा था कि नीतीश कुमार को भारत रत्न मिलना चाहिए. जेडीयू कार्यकर्ताओं ने तो कार्यालय के बाहर पोस्टर जारी करके भारत रत्न देने की मांग किया था. अब गिरिराज सिंह ने भी नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग कर दी है, यह सबसे बड़ी बात है. क्योंकि अभी तक बीजेपी के किसी नेता ने नीतीश कुमार को भारत रत्न देने की मांग नहीं की थी.
अलबत्ता जेडीयू की मांग पर समर्थन में बीजेपी नेताओं ने कहा था कि वह इस काबिल हैं, लेकिन अब ऐसे समय में जब 2025 का चुनाव नजदीक है तो गिरिराज सिंह का यह बयान समझने वाली बात है. क्योंकि ये वही गिरिराज सिंह हैं, जो नीतीश मंत्रिमंडल में रहकर नीतीश कुमार की जमकर आलोचना करते थे और नीतीश कुमार के खिलाफ बेबाकी से बयान भी देते थे. आज उनके जरिए नीतीश को भारत रत्न देने की मांग के पीछे क्या बड़ी वजह है?
इसके मायने अगर समझा जाए तो निश्चित तौर पर नीतीश कुमार बिहार के वैसे राज बड़े राजनेता हैं, जिनके बगैर किसी की सरकार बनना संभव नहीं है. 2005 से वह लगातार बिहार के सत्ता में बने हुए हैं. 2015 में जब नीतीश कुमार एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन में शामिल होकर आरजेडी और कांग्रेस के साथ चुनाव लड़े तो 178 सीट आई थी और महागठबंधन की सरकार बनी थी. 2020 में नीतीश कुमार एनडीए के साथ रहे तो चिराग पासवान के विरोध के बावजूद बीजेपी के साथ में सरकार बना ली.
यह बात बीजेपी भी अच्छी तरह जानती है कि नीतीश कुमार को छोड़कर चलना संभव नहीं है और बिहार की सत्ता में अकेले आना तो कतई मुमकिन नहीं है, लेकिन अमित शाह ने जिस तरह से बयान दिया उस पर नीतीश कुमार की नाराजगी चल रही है. अब नीतीश को मनाने के लिए इस तरह की बातें की जा रही है. बीते बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कह दिया कि अटल बिहारी वाजपेयी की सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी, जब बिहार में बीजेपी की सरकार बनेगी. लेकिन कुछ मिनट बाद ही वो अपने बयान से पलट गए और नीतीश कुमार की तारीफ करने लगे.
नीतीश कुमार को मनाने में बीजेपी के सभी नेता जुटे हुए हैं, क्योंकि वह अच्छी तरह से जानते हैं कि 2025 में अगर बीजेपी सत्ता में आती है तो बगैर नीतीश कुमार के संभव नहीं है और नीतीश कुमार भी 10वीं बार 2025 में मुख्यमंत्री की कुर्सी को जरूर लेंगे. बीजेपी के नेता हर बार यह तो जरूर कहते हैं कि 2025 का चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, लेकिन बात जब मुख्यमंत्री बनाने की होती है तो कोई भी नेता खुलकर नहीं बोल पाते हैं. बुधवार को जब मंत्री नीतिन नवीन से पूछा कि मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर पल्ला झाड़ दिया और कहा कि नेतृत्व तय करेगा. .
नीतीश कुमार अचानक फैसला लेने के माहिर
बहरहाल जिस तरह से बीजेपी नेताओं का बयान चल रहा है और अमित शाह के जो बयान आए, उससे निश्चित तौर पर नीतीश कुमार अभी नाराज हैं. ऐसे में अब बीजेपी के बड़बोले नेता भी उनका समर्थन करके उन्हें मनाने की फिराक में जुट गए हैं. इन सब में एक बात तय है, जो बीजेपी के नेता अच्छी तरह से जानते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक फैसला लेने के माहिर हैं और वह कब किस वक्त कौन सी करवट लेंगे यह किसी को मालूम नहीं होता.
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