Quota in Reservation: जीतनराम मांझी ने चिराग पासवान को बताया स्वार्थी, कहा- 'सिर्फ पासवान जाति को नहीं मिलेगा आरक्षण और भी...'
Politics On Reservation: देश में आरक्षण को लेकर बहस छिड़ी हुई है. जब से सुप्रीम कोर्ट का फैसला एससी-एसटी को लेकर आया है, विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के लोगों की राय भी अदालत के फैसले के खिलाफ है.
Quota in Reservation: आरक्षण के अंदर कोटा को लेकर एनडीए के दो घटक दल आमने-सामने आ गए हैं. एससी एसटी को लेकर दिए गए सुप्रीम कोट के फैसले से जहां चिराग पासवान नाखुश हैं. वहीं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को स्वार्थी बता दिया है, जिन्होंने कोर्ट के फैसले पर असहमती जताई हैं.
चिराग पासवान पर क्या बोले मांझी
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने कहा कि मुसहर, भुइयां, मेहतर जाति के जो लोग हैं, उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता. गरीब और गरीब हो रहा है. इस जाति के लोग कितने इंजीनियर, आईएएस या आईपीएस हैं. जो लोग आज नराजगी जता रहे हैं उसी चार जातियों के लोगों को आरक्षण का लाभ ज्यादा मिलता है. यानी शिड्यूल कास्ट के लोग ही 76 साल से आरक्षण का लाभ ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि चिराग पासवान को समझना चाहिए कि सिर्फ पासवान जाति को नहीं आरक्षण नहीं मिलेगा उसमें समाज में और भी जातियां हैं.
फैसले पर क्या है मांझी की राय?
दरअसल, जीतन राम मांझी का मानना है कि सीएम नीतीश कुमार ने 2011-2012 में ही आरक्षण के अंदर कोटे की व्यवस्था कर दी थी. कुछ लोगों ने इसे कोर्ट में चैलेंज किया था, इस पर रोक लगी थी अब सुप्रीम कोर्ट ने फिर से मान्य कर दिया. इसमें गलत क्या है? इसे समझने की जरूरत है. आरक्षण के अंदर कोटा मिलने से निचली जातियों को लाभ मिलेगा, जो अब तक नहीं मिल सका है. उनका कहना है कि जो भी आरक्षण का लाभ है वो सिर्फ चार जातियों को ही मिलता है, अति पिछड़ों और महादलितों को आरक्षण का पूरा फायदा नहीं पहुंचता.
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