Bihar Politics: 'जो D4 लोग हैं गुलछर्रे उड़ा रहे हैं', हमारी 18 जातियां...', भारत बंद के विरोध में खड़े हुए जीतन राम मांझी
Jitan Ram Manjhi: जीतन राम मांझी ने कहा कि हम लोग 18 जाति मांग करते हैं कि हम लोग अलग हैं. हमको अलग कर दीजिए और वो लोग जो गुलछर्रे उड़ा रहा हैं, वही लोग आंदोलन कर रहे हैं.
Jitan Ram Manjhi Statement On Bharat Bandh: एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देश भर के विभिन्न दलित संगठनों ने कल यानी 21 अगस्त को बंद का ऐलान किया है. सुप्रीम कोर्ट ने क्रीमी लेयर को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाती आरक्षण के दायरे से बाहर करने की बात कही थी, जिसका रिजर्वेशन बचाओ संघर्ष समिति ने विरोध किया है. भारत बंद को लेकर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि वो इसका विरोध करेंगे.
भारत बंद पर क्या बोले जीतन राम मांझी?
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि हम उनके बंद का समर्थन कैसे करेंगे ? जो D4 लोग है वो आज तक गुलछर्रे उड़ा रहे हैं और हमारे लोग थूक चाट रहे हैं. थूक से सत्तू सान कर खा रहे हैं. हम लोग 18 जाति मांग करते हैं कि हम लोग अलग हैं. हमको अलग कर दीजिए और वो लोग जो गुलछर्रे उड़ा रहा हैं, वही लोग आंदोलन कर रहे हैं. जीतन राम मांझी ने साफ कहा कि हमलोग इस आंदोलन का विरोध ही करेंगे.
वहीं मुजफ्फरपुर में दलित लड़की की हत्या मामले को लेकर कहा कि एक हिलेरियस क्राइम है. ऐसी घटना नहीं होना चाहिए. हम भी सरकार से मांग करते हैं इस पर कड़ी कार्रवाई की जाए और इस तरह की घटना नहीं हो. तेजस्वी यादव ने जीतनराम मांझी और चिराग पासवान पर आरोप लगाया कि वह लोग सिर्फ सत्ता का मलाई खाते हैं. दलितों की आवाज नहीं उठाते हैं. इस पर मांझी ने कहा कि तेजस्वी यादव विरोध के अलावा और क्या बोलेंगे? वह अपने पिताजी के काल को क्यों नहीं याद करते हैं. 2005 के पहले के शासन को भी याद करना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ठहराया सही
दरअसल एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर पर अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सभी एससी और एसटी जातियां और जनजातियां एक ही वर्ग नहीं हैं. कुछ जातियां ज्यादा पिछड़ी हो सकती हैं. उदाहरण के लिए- सीवर साफ करने वाले और बुनकर ये दोनों जातियां एससी में आती हैं, लेकिन इस जाति के लोग अन्य की तुलना में ज्यादा पिछड़े हैं. इन लोगों के उत्थान के लिए राज्य सरकारें एससी-एसटी आरक्षण को उप-वर्गीकृत कर सकती हैं और अलग से कोटा तय कर सकती हैं, ऐसा करना संविधान के अनुच्छेद 341 के खिलाफ नहीं है. कोर्ट के इस फैसले को लेकर रिजर्वेशन बचाओ संघर्ष समिति ने गलत माना है.
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