सुपौल: बिहार के सुपौल जिले के प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, किसनपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अखिलेश कुमार की रविवार को अज्ञात लोगों ने जमकर मारपीट की. मारपीट के बाद स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा जख्मी प्रभारी को सुपौल सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी स्थिति गंभीर देखते हुए उन्हें बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया गया.


डॉक्टरों ने इलाज किया बंद


इधर, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के साथ हुए मारपीट के विरोध में अस्पताल कर्मियों ने अस्पताल में ताला जड़ मरीजों का इलाज बन्द कर दिया. इस सम्बंध में ड्यूटी पर मौजूद डॉ. रामदेव शर्मा ने बताया कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के साथ हुए मारपीट के विरोध में हमने मरीजों का इलाज बन्द कर दिया है. जब तक ऊपर से निर्देश नहीं मिलेगा तक तक हम लोग इलाज नहीं करेंगे.


अनुमंडल पदाधिकारी ने कही ये बात


वहीं, इलाज कराने आई महिपट्टी निवासी मो.अख्तर की पत्नी ने बताया कि मैं इलाज करवाने आई थी, लेकिन यहां कोई इलाज करने वाला नहीं है. इधर, घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे अनुमंडल पदाधिकारी मनीष कुमार ने कहा कि डीएसपी और मैं दोनों आएं हैं, पहले मरीजों का इलाज करवाया जा रहा है, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.


क्या है पूरा मामला?


इधर, सदर अस्पताल के प्रभारी अरुण वर्मा ने कहा कि अस्पताल में बहाल एनजीओ कर्मी द्वारा गलत बिल पास कराने को लेकर दबाब बनाया जा रहा था, जिसे प्रभारी डॉक्टर ने पास करने से मना कर दिया था. उसी के प्रतिशोध में मारपीट की गई है. जबकि, थानाध्यक्ष सुमन कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य प्रभारी डॉ. अखिलेश कुमार द्वारा अभी तक कोई आवेदन नहीं दिया गया है. आवेदन प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.


आईएमए ने की घटना की निंदा


इधर, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के साथ हुए मारपीट पर आईएमए सचिव ने खेद प्रकट की है. उन्होंने पत्र जारी कर कहा कि रविवार को डॉ.अखिलेश कुमार के साथ जो घटना हुई है वह निंदनीय है. आईएमए सुपौल इस घटना के विरोध में सभी कर्मचारी सोमवार को काला बिल्ला लगाकर काम करेंगें. अभियुक्त की गिरफ्तारी नहीं होने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.


यह भी पढ़ें - 


बिहार: होमगार्ड अभ्यर्थियों ने सेंटर पर किया हंगामा, फर्जी विक्षकों की तैनाती का लगाया आरोप


तेजस्वी ने लालू यादव के शुभचिंतकों से की अपील, कहा - ना करें ये काम