Bihar News: प्रदेश में 3 फरवरी यानी गुरुवार की देर रात से रुक रुक कर हो रही भारी बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की परेशानी को बढ़ा दिया है. दरअसल लगातार हो रही इस बारिश और ओलावृष्टि से रबी की फसल (Rabi Crop) जैसे गेहूं, मक्का, तोड़ी, तम्बाकू आदि खराब हो गई है. जिसके चलते किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. वहीं जब रबी की बुवाई चल रही थी,तो सरकार एवं प्रशासन के लापरवाही की वजह से बाजारों से डीएपी (DAP) गायब था. जिसके बाद किसानों ने ज्यादा भाव में डीएपी समेत अन्य फास्फेटिक खाद खरीदी और रबी फसल की बुवाई की.


बाजारों से गायब है यूरिया खाद


इसके साथ ही पोटाश जो हर फसल के लिए अमृत के समान है, किसान अब उसका नाम भी अब भूलने लगे हैं. वहीं अब जब बारिश के बाद यूरिया खाद (Urea) की सबसे ज्यादा जरुरत है तो वो भी बाजारों से पूरी तरह गायब है. ऐसे में अगर एक दो दिन के अन्दर किसानों को यूरिया खाद उपलब्ध नहीं कराई गई, तो उन्हें काफी नुकसान हो सकता है. साथ ही यूरिया खाद की किल्लत होने से किसानों को एक बार फिर दुकानदारों द्वारा खाद की कालाबाजारी करने की चिंता सताने लगी है. इससे पहले भी दुकानदार यूरिया खाद को सरकारी कीमत से दुगानी कीमत में बेच चुके हैं.


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किसानों ने लगाया था तस्करी का आरोप


किसानों का आरोप है कि यूरिया के थोक विक्रेता हेराफेरी कर रहे हैं. आरोप है कि ये लोग यूरिया को अपने चहेतों को बिना बिल के ही बेच रहे हैं. इस हेराफेरी के लिए बॉर्डर के इलाकों के दुकानदारों को ज्यादा पैसा लेकर यूरिया ब्लैक में बेचा जा रहा है. इसके बाद इसकी तस्करी करके इसे नेपाल के रास्ते चीन भेजा जाता है. तस्करी का ये नेटवर्क काफी लंबे वक्त से काम कर रहा है लेकिन चंपारण का कृषि विभाग इसपर लगाम कसने में नाकाम दिख रहा है.


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