DM Yashpal Meena Accused Of Misbehaving: बिहार में भूमि सर्वे का काम चल रहा है. राज्य के सभी अंचलाधिकारी, राजस्व कर्मचारी और अंचल कार्यालय के सभी कर्मियों को विभाग की ओर से रोजाना नए निर्देशों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही जिले के डीएम साहब के भी कोपभाजन का शिकार होना पड़ रहा है. वहीं वैशाली के डीएम यशपाल मीणा इतने ज्यादा सख्त दिख रहे हैं कि अंचल अधिकारी और राजस्व कर्मचारियों के साथ गाली गलौज और अभद्र भाषा का भी प्रयोग कर रहे हैं. ये आरोप जिले के राजस्व कर्मियों और सीओ ने लगाया है. 


प्रखंडों के राजस्व कर्मियों ने डीएम के खिलाफ खोला मोर्चा 


इसको लेकर जिले की सभी प्रखंडों के राजस्व कर्मियों ने डीएम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और सामूहिक अवकाश पर जाने की धमकी दे दी है. बिहार राजस्व सेवा संघ ने सभी अंचलाधिकारी, राजस्व कर्मचारी और आंचल कर्मियों की ओर से पत्र के माध्यम से वैशाली जिला अधिकारी यशपाल मीणा को आवेदन दिया है कि आप का व्यवहार ठीक नहीं है .आप अपने व्यवहार और भाषा का में सुधार लाएं नहीं तो हम लोग सभी आधिकारिक सामूहिक अवकाश पर जाने पर विवश हो जाएंगे.


आवेदन में लिखा गया है कि 25 अक्टूबर को जिले में आयोजित राजस्व एवं भूमि सुधार संबंधी बैठक हुई, जिसमें अंचल अधिकारी, राजस्व अधिकारी और कर्मियों के प्रति अपमानजनक एवं अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया. बैठक में अधिकारियों और कर्मियों के लिए कर "बेहूदा" और "साला बिहारी लोग" जैसे अपमानजनक शब्दों का उपयोग कर हमारे आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाया गया है. पत्र  के जरिए डीएम को यह बताया गया है कि की हम लोग को भूमि सर्वे के काम तथा अंचल संबंधित सभी काम के अलावा  जल निकाय संरक्षण, अवैध खनन की रोकथाम, सरकारी परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन, सूचना का अधिकार एवं लोक शिकयत का निवारण, जनता दरबार जैसे कई कामों को दिया जाता है. उसके बाद भी हमारे जिले की पीओपी रैंकिंग अच्छी स्थिति में है.


पत्र के जरिए ये भी बताया गया है कि रोजाना मीटिंग और उसमें आपके अपमानजनक व्यवहार के कारण हम लोग मानसिक एवं शारीरिक रूप से थक चुके हैं. लगभग प्रतिदिन दो-तीन घंटे का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद जिला मुख्यालय में बैठक का आयोजन किया जाता है. खासकर महिला अधिकारियों के कार्यालय के समय बाहर देर रात तक बिना किसी उचित कारण के मीटिंग में शामिल होने के लिए कहा जाता हैृ, जो अत्यंत अनुचित और  मर्यादित है और इसके कारण राजस्व एवं भूमि सुधार के नियमित कार्य  भी प्रभावित हो रहे हैं. इस प्रकार के आचरण एवं कार्य क्षमता एवं POP रैंकिंग पर इसका प्रभाव पड़ेगा.


पत्र में डीएम साहब को अवगत कराया गया है कि नवादा जिले में भी आपकी इसी प्रकार की भाषा का प्रयोग किया गया था, जिसके कारण उस समय स्थानीय अधिकारियों एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी के समूह ने स्थानांतरण एवं सामूहिक अवकाश की मांग की थी. इस प्रकार के व्यवहार के सभी अधिकारी मानसिक एवं आत्मिक रूप से आहत महसूस कर रहे हैं. इतना ही नहीं पत्र में डीएम साहब को अंग्रेज सरकार वाला व्यवहार रखने के लिए का बताया गया है और लिखा गया है कि जिस तरह ब्रिटिश साम्राज्य की मानसिकता थी कि अधिकारी  अपने आपको सर्वोच्च शासक और कर्मचारियों को अपना गुलाम मानते थे.


राजस्व कर्मियों का डीएम के व्यवहार पर सवाल


राजस्व कर्मियों ने पत्र में आगे लिखा है कि वर्तमान समय में आपका भी व्यवहार वैसा ही लगता है, जिसमें आप स्वयं को कानून न्यायिक व्यवस्था एवं लोकतांत्रिक तंत्र से भी ऊपर समझ रहे हैं. लोकतांत्रिक देश में एक लोक सेवक होने के नाते आपका यह दृष्टिकोण हमारे लिए मानसिक रूप से अत्यंत का अहितकारी है और अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों को आलोचना करना हर छोटी बात पर जेल भेजने की धमकी देना और अपमान जनक गालियां देना ना केवल हमारी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचा रहा है, बल्कि हमारे आत्म बल को भी कमजोर कर रहा है.


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