Bihar Politics: अगले साल 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव होना है. एनडीए गठबंधन और महागठबंधन के लिए इस बार बड़ी चुनौती दिख रही है. वजह है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर खुद ही नई पार्टी बना चुके हैं और अब पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने भी ऐलान कर दिया है कि वह दल बनाएंगे. ऐसे में जो पहले से पार्टियां हैं उनका 2025 में नुकसान होना तय माना जा रहा है. चाहे बात एनडीए की करें या फिर इंडिया गठबंधन की, नई पार्टियां दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाली हैं. पढ़िए रिपोर्ट.


प्रशांत किशोर की ओर से 'जन सुराज पार्टी' बनाए जाने पर तमाम दलों की ओर से प्रतिक्रिया आई थी. बीजेपी, कांग्रेस, आरजेडी, जेडीयू सबने तंज कसा था. अब जब आरसीपी सिंह ने ऐलान किया कि वे पार्टी बनाएंगे तो बीजेपी के प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि लोकतंत्र में सबको यह अधिकार है. आरसीपी सिंह को लगा कि पार्टी बनानी चाहिए तो वह बना रहे हैं. यह स्वागत योग्य है. वहीं जेडीयू के प्रवक्ता अरविंद निषाद ने आरसीपी सिंह को बधाई दी है. 


आरसीपी सिंह की क्या है तैयारी?


अभी जेडीयू में जितने भी लोग हैं वह आरसीपी सिंह को करीब से जानते हैं. आरसीपी सिंह भी करीब-करीब सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं के संपर्क में रहे हैं. आरसीपी सिंह के साथ रहने वाले एक करीबी नेता का कहना है कि पार्टी बनाने का मुख्य लक्ष्य है कि जेडीयू अब समाप्ति के कगार पर है. नीतीश कुमार जिस तरह से अभी काम कर रहे हैं वह ज्यादा दिन तक चलने वाले नहीं हैं. ऐसे में जेडीयू के नेता कार्यकर्ताओं और वोटर्स को विकल्प की तलाश है. वह विकल्प आरसीपी सिंह की पार्टी बनने से हो जाएगा. हमारा लक्ष्य नीतीश कुमार के सभी वोटर, कार्यकर्ता और नेताओं को संगठित कर लाने का रहेगा ताकि कोई दूसरे खेमे में नहीं चला जाए.


क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार?


बिहार के राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार संतोष कुमार का कहना है कि यह सोच बिल्कुल गलत है कि जेडीयू खत्म होने वाली है. नीतीश कुमार जैसे भी रहे, लेकिन उनका जो वोट बैंक 13 से 14% का है वह उनके रहते कभी समाप्त नहीं होगा. पिछले कई चुनाव में यह देखा भी गया है और 2024 के लोकसभा चुनाव में भी यह साफ दिखा है. अगर नीतीश कुमार नहीं रहते हैं तो भी पार्टी नहीं टूटेगी. निश्चित तौर पर उनके बेटे को आगे किया जा सकता है और फिर पार्टी वही रूप में आ जाएगी. जेडीयू का वोट बैंक भी बरकरार रहेगा.


प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह किसे करेंगे डैमेज?


संतोष कुमार ने कहा, "इस बात में भी सच्चाई है कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह की पार्टी बनने पर नीतीश कुमार को ज्यादा नुकसान हो सकता है. कहा जाए तो 2020 में चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को कमजोर किया था तो इस बार आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर उन्हें कमजोर कर सकते हैं. वैसे प्रशांत किशोर आरजेडी को भी कमजोर करेंगे क्योंकि मुस्लिम वोट में अगर बिखराव हुआ तो उसका नुकसान आरजेडी को होगा. आरसीपी सिंह सीधे तौर पर जेडीयू की सीट को डैमेज कर सकते हैं." 


आगे कहा कि अगर आरसीपी सिंह एक विधानसभा से दो-तीन हजार वोट भी काटते हैं तो वह नीतीश कुमार का वोट कटेगा. विधानसभा में सीट डैमेज करने के लिए उतना वोट काफी होता है. 2020 के विधानसभा चुनाव में करीब 25 से 30 ऐसी सीटें थीं जहां आरजेडी मात्र 500 से 2000 के बीच में हारी थी. आरसीपी सिंह जेडीयू के इतने वोट जरूर काट सकते हैं क्योंकि जेडीयू में वह काफी लंबे समय तक रहे हैं. संगठन के बड़े नेता रहे हैं. प्रखंड से लेकर जिला तक सभी जगह उनकी पार्टी में पहचान है. आरसीपी सिंह निश्चित तौर पर नीतीश कुमार के लिए हानिकारक होंगे. 


हालांकि आरसीपी से बीजेपी को नुकसान होता नहीं दिख रहा है. संतोष कुमार ने कहा कि बीजेपी का जो वोट होता है वह इधर-उधर नहीं होता है. प्रशांत किशोर आरजेडी को डैमेज करेंगे उसका फायदा भी बीजेपी को मिलेगा. जहां जेडीयू के प्रत्याशी खड़े होंगे वहां बीजेपी के लोग वोट नहीं करते हैं. यह पहले भी देखा गया है. कुल मिलाकर प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह से सीधा-सीधा नुकसान नीतीश कुमार को ज्यादा है तो वहीं आरजेडी को भी थोड़ा नुकसान है.


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