Bihar Vidhan Sabha Winter Session: जातीय गणना से जुड़ी रिपोर्ट सदन में पेश, जारी किए गए आंकड़े, जीतन राम मांझी ने किया हमला
Bihar Vidhan Sabha Winter Session 2023: विधानसभा सत्र के दूसरे दिन आर्थिक सामाजिक सर्वे रिपोर्ट पेश की गई है. मांझी ने आप चाचा-भतीजा (नीतीश-तेजस्वी) पर सवाल उठाए हैं.
नीतीश सरकार की ओर से सदन में रिपोर्ट पेश करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने हमला बोला है. उन्होंने मंगलवार को एक्स पर लिखा- "वाह रे जातिगत गणना. सूबे के 45.54% मुसहर अमीर हैं, 46.45% भुईयां अमीर हैं? साहब सूबे के किसी एक प्रखंड में 100 मुसहर या भूईयां परिवारों की सूची दे दिजिए जो अमीर हैं? आप चाचा-भतीजा को जब गणना करनी थी तो फिर कागजी लिफाफेबाजी क्यों? सूबे में गणना के बहाने खजाने की लूट हुई है."
- दुसाध 39.36 फीसद परिवार गरीब
- चमार 42.06 फीसद परिवार गरीब
- मुसहर 54.56 फीसद परिवार गरीब
- पासी 38.24 फीसद परिवार गरीब
- धोबी 35.82 फीसद परिवार गरीब
- डोम 53.10 फीसद परिवार गरीब
- नट 49.06 फीसद परिवार गरीब
- अनुसूचित जाति के कुल 42.93% परिवार गरीब है
- तेली 29.87 फीसद परिवार गरीब
- मल्लाह 34.56 फीसद परिवार गरीब परिवा
- कानू 32.99 फीसद परिवार गरीब
- धानुक 34.75 फीसद गरीब परिवार
- नोनिया 35.88 फीसद गरीब परिवार
- चंद्रवंशी 34.08 फीसद परिवार गरीब
- नाई 38.37 प्रतिशत गरीब परिवार
- बढ़ई 27.71 प्रतिशत गरीब परिवार
- प्रजापति 33.39 प्रतिशत गरीब परिवार
- पाल 33.20 प्रतिशत गरीब परिवार
- यादव 35.87 फीसद परिवार गरीब
- कुशवाहा 34.32 फीसद परिवार गरीब
- कुर्मी 29.90 फीसद परिवार गरीब
- बनिया 24.62 फीसद परिवार गरीब
- सूर्यापुरी मुस्लिम 29.33 फीसद परिवार गरीब
- सोनार 26.58 फीसद परिवार गरीब
- गोस्वामी 30.68 फीसद गरीब परिवार
- घटवार 44.17 फीसद परिवार गरीब
- हरिजन 29.12 फीसद परिवार गरीब
- किन्नर 25.73 फीसद गरीब
- भट्ट 23.68 फीसद परिवार गरीब
- मल्लिक मुस्लिम 17.26 फीसद गरीब
- 25.32 फीसद भूमिहार परिवार गरीब
- ब्राह्मण 25.3 फीसद परिवार गरीब
- राजपूत 24.89 फीसद गरीब परिवार
- कायस्थ 13.83 फीसद गरीब परिवार
- शेख 25.84 फीसद गरीब परिवार
- पठान (खान) 22.20 परिवार गरीब
- सैयद 17.61 फीसद गरीब परिवार
- कुल मिलाकर सामान्य वर्ग में 25.9 फीसद परिवार गरीब
- बिहार की 22.67 आबादी के पास वर्ग 1 से 5 तक की शिक्षा
- वर्ग 6 से 8 तक की शिक्षा 14.33 फीसद आबादी के पास
- वर्ग 9 से 10 तक की शिक्षा 14.71 फीसद आबादी के पास
- वर्ग 11 से 12 तक की शिक्षा 9.19 फीसद आबादी के पास
- ग्रेजुएट की शिक्षा 7 फीसद से ज्यादा आबादी के पास
बिहार में किस वर्ग के पास कितनी आय
- सामान्य वर्ग के पास लगभग 25 फीसद आबादी की मासिक आय 6 हजार रुपये तक
- 23 फीसद आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार
- 19 फीसद आबादी की मासिक आय 10 हजार से 20 हजार
- 16 फीसद आबादी की मासिक आय 20 हजार से 50 हजार
- 9 फीसद आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा
- पिछड़ा वर्ग में 33 फीसद आबादी की मासिक आय 6 हजार तक
- पिछड़ा वर्ग में 29 फीसद आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार
- पिछड़ा वर्ग में 18 फीसद आबादी की मासिक आय 10 से 20 हजार
- पिछड़ा वर्ग में 10 फीसद आबादी की मासिक आय 20 से 50 हजार
- पिछड़ा वर्ग में 4 फीसद आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा
- अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33 फीसद आबादी की मासिक आय 6 तक
- अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 32 फीसद आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार
- अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 18 फीसद आबादी की मासिक आय 10 से 20 हजार
- अत्यंत पिछड़ा वर्ग में आई फीसद आबादी की मासिक आय 20 से 50 हजार
- अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 2 फीसद आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा
- अनुसूचित जाति वर्ग में 42 फीसद आबादी की मासिक आय 6 तक
- अनुसूचित जाति वर्ग में 29 फीसद आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार
- अनुसूचित जाति वर्ग में 15 फीसद आबादी की मासिक आय 10 से 20 हजार
- अनुसूचित जाति वर्ग में 5 फीसद आबादी की मासिक आय 20 से 50 हजार
- अनुसूचित जाति वर्ग में 1 फीसद आबादी की मासिक आय 50 हजार से ज्यादा
- अनुसूचित जनजाति वर्ग में 42 फीसद आबादी की मासिक आय 6 तक
- अनुसूचित जनजाति वर्ग में 25 फीसद आबादी की मासिक आय 6 से 10 हजार
- अनुसूचित जनजाति वर्ग में 16 फीसद आबादी की मासिक आय 10 से 20 हजार
- अनुसूचित जनजाति वर्ग में 8 फीसद आबादी की मासिक आय 20 से 50 हजार
- अनुसूचित जनजाति वर्ग में 2.53 फीसद आबादी की मासिक आय 50 हजार
- सामान्य वर्ग में 25.09 फीसद गरीब परिवार
- पिछड़ा वर्ग में 33.16 फीसद परिवार गरीब
- अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33.58 फीसद गरीब परिवार
- अनुसूचित जाति में 42.93 फीसद गरीब परिवार
- अनुसूचित जनजाति में 42.70
- अन्य प्रतिवेदित जातियों में 23.72 फीसद गरीब
बिहार में जातिगत आधार पर हुए सर्वे में सामाजिक और आर्थिक स्थिति का आंकड़ा विधायकों को दे दिया गया है. 2 बजे विधानसभा में पेश की जाएगी. सदन में रिपोर्ट पेश करने की पूरी तैयारी हो गई है.
बिहार सरकार के मंत्री और जेडीयू नेता श्रवण कुमार ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविकाओं की बात सुनी जाएगी. उन लोगों से बातचीत की जाएगी. सरकार मांगों पर ध्यान देगी. नीतीश सरकार सबकी बात सुनती है. बीजेपी इस मुद्दे पर राजनीति न करे. विधानसभा में सदन के अंदर आज बीजेपी विधायकों ने हंगामा किया. वेल में पहुंचकर बवाल काटा. यह ठीक नहीं. हम लोग चर्चा करते. बीजेपी नहीं चाहती.
विधानसभा में दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही विपक्ष ने आंगनबाड़ी सेविका के मुद्दे को लेकर जोरदार हंगामा शुरू कर दिया. बीजेपी के सदस्य वेल में पहुंच गए और वे हंगामा करने लगे. भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
बैकग्राउंड
Bihar Vidhan Sabha Winter Session 2023: बिहार विधानसभा सत्र का आज दूसरा दिन है. सोमवार (06 नवंबर) से सत्र की शुरुआत हुई थी. हालांकि पहले दिन शोक प्रस्ताव में एक मिनट के मौन के दौरान सदन के अंदर वाम दलों के विधायक हमास-इजरायल युद्ध के मुद्दे पर हंगामा करने लगे. हमास का समर्थन कर रहे थे. इस दौरान बीजेपी के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया जिसके चलते विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी. आज मंगलवार को बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार की ओर से जातीय गणना का आर्थिक सामाजिक सर्वे रिपोर्ट पेश की जाएगी.
सदन में दो बजे पेश की जानी है रिपोर्ट
सदन में दो बजे रिपोर्ट पेश की जानी है. इस रिपोर्ट पर सदन में चर्चा की जाएगी. वहीं बीजेपी पूरी तरह से तैयारी में है सरकार को घेरने के लिए. इसके चलते सदन की कार्यवाही में जोरदार हंगामे के आसार हैं. कानून व्यवस्था समेत अन्य मुद्दों पर भी बीजेपी घेरेगी. बता दें कि बिहार देश का पहला राज्य होगा, जो इस तरह की रिपोर्ट जारी करेगा.
रिपोर्ट के आंकड़ों को लेकर उठ रहे सवाल
विधानसभा की कार्यवाही 11 से शुरू होगी. आज प्रश्नकाल भी होगा. संबंधित विभाग के मंत्री की तरफ से जवाब दिया जाएगा. प्रश्नकाल के बाद शून्य काल और ध्यानकर्षण भी होगा. बता दें कि 2 अक्टूबर 2023 को जातीय गणना की रिपोर्ट जारी की गई थी. रिपोर्ट के बाद लगातार उसके आंकड़ों को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. आंकड़े में किसी की जाति को कम करने तो किसी की जाति को बढ़ाने का बीजेपी आरोप लगा रही है.
जातीय गणना की सामाजिक-आर्थिक रिपोर्ट में बिहार के लोगों की औसत आय, उनका शैक्षणिक स्तर, कितने लोग नौकरी से अपना जीवन यापन करते हैं इत्यादि की जानकारी दी जाएगी. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का आरोप है कि बिहार सरकार ने कुछ खास जातियों की संख्या को बढ़ाकर दिखाया और अन्य जातियों की संख्या को कम कर दिया है ताकि राजनीतिक फायदा हो सके.
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