बक्सर: सूबे में कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए लोग जद्दोजहद कर रहे हैं. शहरी इलाकों में स्लॉट नहीं मिलने की वजह से लोग परेशान हैं. इधर, ग्रामीण इलाकों में लोग जागरूकता की कमी की वजह से वैक्सीन नहीं लेने की जिद पर अड़े हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम को गांव पहुंचने पर ग्रामीण बिना वैक्सीन लिए ही वापस लौटा दे रहे हैं. 


ताजा मामला बिहार के बक्सर जिले के सदर प्रखंड के बीसुनपुरा गांव और नवानगर प्रखंड के हरोजा गांव का है, जहां वैक्सीनेशन करने गई टीम का ग्रामीणों ने विरोध किया. ग्रामीणों का कहना था, " इस गांव में कोरोना नहीं है. वैक्सीन की कोई जरूरत नहीं है. चले जाइये हमें टीका नहीं लेना. "


कुछ ही ग्रमीणों ने लगवाया टीका


इस संबंध में सदर प्रखंड के पीएचसी प्रभारी डॉ. सुधीर कुमार ने बताया कि टीम के सदस्यों ने ग्रामीणों को टीकाकरण से होने वाले फायदे के बारे में बार-बार बताने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे. उन्होंने बिना टीका लिए ही टीम को विरोध कर वापस लौटा दिया. बता दें कि नवानगर प्रखंड के बाबूगंज इंग्लिशपुर पंचायत में रविवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम 45 साल से ऊपर लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए पहुंची थी. लेकिन ग्रामीणों ने वैक्सीन लगवाने से साफ इंकार कर दिया. हालांकि, बहुत समझाने के बाद कुछ लोगों ने टीका लगवाया. 


200 ग्रामीणों को टीका लगाने का था लक्ष्य


वहीं, बिशनपुरा में ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को गांव से चले जाने को कहा और कहा कि उन्हें टीका नहीं लेना है. इस कारण वहां बहुत कम लोगों को ही टीका दिया जा सका. जबकि 200 ग्रामीणों को टीका लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. ध्यान देने वाली बात है कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सरकार जोर-शोर से वैक्सीन लगवाने का प्रचार प्रसार कर रही है. लेकिन ग्रामीण इलाकों में अफवाहों की वजह से लोग वैक्सीन लेने से कतरा रहे हैं.


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