(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कभी 25 हजार का इनामी नक्सली था विनोद मरांडी, अब पप्पू यादव ने बनाया पार्टी का जिलाध्यक्ष
हार्डकोर नक्सली रहे विनोद मरांडी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. 25 आपराधिक मामलों में वांटेड विनोद को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस एसटीएफ के गठन किया था.
गया: केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि कानून के विरोध में मंगलवार को किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकाला. दिल्ली के अलावे अन्य राज्यों में किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर मार्च निकाला गया. इसी क्रम में बिहार के गया में कभी किसानों और बेरोजगारों की हत्या करने वाले नक्सली संगठन आरसीसी के सुप्रीमो विनोद मरांडी ने भी जनतांत्रिक पार्टी के बैनर तले ट्रैक्टर मार्च निकला. गौरतलब है कि कभी 25 हजार रुपये के इनामी नक्सली रहे विनोद मरांडी को हाल ही में पप्पू यादव की पार्टी जाप का जिलाध्यक्ष बनाया गया है.
तीन बार पुलिस ने किया है गिरफ्तार
बता दें कि पूर्व में हार्डकोर नक्सली रहे विनोद मरांडी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. 25 आपराधिक मामलों में वांटेड विनोद को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस एसटीएफ के गठन किया था. पुलिस ने उन्हें तीन बार गिरफ्तार किया, लेकिन साक्ष्य की कमी की वजह से हर बार उन्हें बेल मिलता रहा. फिलहाल बेल पर बाहर आए विनोद मरांडी जाप जिलाध्यक्ष हैं. इतना ही नहीं पार्टी ने विधानसभा चुनाव में उन्हें उम्मीदवार भी बनाया था.
इसी क्रम में विनोद मरांडी ने सोमवार किसानों के समर्थन में जिले के अहियापुर गुरारू से गया समाहरणालय तक ट्रैक्टर मार्च निकाला. इस दौरान जाप किसान परिषद के प्रदेश अध्यक्ष सह प्रवक्ता राजीव कुमार कन्हैया ने कहा कि पूरे देश में आज काला कानून के खिलाफ किसानों ने ट्रैक्टर मार्च का आयोजन किया है. जाप ने भी किसानों के प्रदर्शन का समर्थन किया है.
पार्सल बम ब्लास्ट की घटना को दिया था अंजाम
मालूम हो कि आरसीसी नक्सली संगठन उस वक्त चर्चा में आई थी, जब संगठन के सुप्रीमो विनोद मरांडी ने टिकारी से जदयू विधायक सह बिहार जदयू के युवा प्रदेश अध्यक्ष अभय कुशवाहा के घर पर पार्सल बम ब्लास्ट की घटना को अंजाम दिया था.
बता दें कि साल 1997 में विनोद मरांडी ने नक्सली संगठन एमसीसी का दामन थामा था. लेकिन इस संगठन का सुप्रीमो नहीं बनने के बाद विनोद ने 2005 में अपना संगठन आरसीसी (रिवॉल्युशनरी कम्युनिस्ट सेंटर) बनाया था. 2009 में गया के चेरकी थाने की पुलिस ने मरांडी को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन साक्ष्य और गवाहों के नहीं होने के कारण 2012 में उसे कोर्ट ने बरी कर दिया. इसके बाद 2016 और 2018 में भी पुलिस ने विनोद को गिरफ्तार किया था. विनोद मरांडी पर लगभग 25 मामले दर्ज हैं.
यह भी पढ़ें -
क्या चिराग पासवान के प्रति बीजेपी अब भी रखती है 'सॉफ्ट कॉर्नर'? जेडीयू ने कही बड़ी बात बिहार: BJP के इस MLA ने पास की BPSC की परीक्षा, कहा- समाज सेवा करना है लक्ष्य