बिहार में हिंसा के बाद अब गिरफ्तारी पर गरमाई सियासत, ओवैसी ने कहा- सिर्फ मुस्लिम लड़कों को भेजा जा रहा जेल
Bihar Violence: नालंदा और सासाराम में रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद अब तक 140 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. पुलिस की कार्रवाई को लेकर एआईएमआईएम चीफ ने गंभीर आरोप लगाए हैं.
Ram Navami Violence In Bihar: रामनवमी पर बिहार (Bihar) के नालंदा (Nalanda) जिले के बिहारशरीफ (Bihar Sharif) और रोहतास (Rohtas) जिले के सासाराम में हिंसा (Sasaram Violence) पर सियासत रुकने का नाम नहीं ले रही है. हिंसा के आरोपियों की गिरफ्तारी भी सवालों के घेरे में आ गई है. एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने इस मुद्दे को लेकर बिहार के चाचा-भतीजे की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
सोमवार (10 अप्रैल) को ओवैसी ने आरोप लगाया है कि सासाराम और नालंदा में हुई हिंसा के जिम्मेदार हिन्दुत्ववादियों को जेल में भेजने के बजाय मुसलमान लड़कों और बच्चों को ही गिरफ्तार किया जा रहा है. दूसरी ओर बिहार के "सेक्युलर" मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को फैंसी ड्रेस से फुर्सत ही नहीं मिल रही है.
अब तक 140 उपद्रवियों की हुई गिरफ्तारी
गौरतलब है कि बिहारशरीफ में हिंसा फैलाने के आरोप में अब तक 140 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस संबंध में बिहार पुलिस के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जेएस गंगवार ने बताया कि रामनवमी पर नालंदा जिले के बिहारशरीफ में हुए सांप्रदायिक दंगे के मामले में पुलिस ने रविवार (9 अप्रैल) को पांच और लोगों को गिरफ्तार किया. उन्होंने बताया कि इन पांचों आरोपियों को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओयू) ने गिरफ्तार किया है.
जेएस गंगवार ने बताया कि ईओयू की प्राथमिकी सहित कुल 20 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. बिहार पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहचान गुप्त रखते हुए बताया कि संपत्ति कुर्क करने के भय से सांप्रदायिक हिंसा के कई आरोपियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करना शुरू कर दिया है.
फर्जी वीडियो मामले में 15 के खिलाफ FIR
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ईओयू नालंदा और सासाराम (रोहतास जिला) में सांप्रदायिक तनाव के दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से फर्जी वीडियो और संदेश प्रसारित करने वाले लोगों को पकड़ने के लिए अलग से जांच कर रही है. इस संबंध में आठ अप्रैल को 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए गए.