Bihar Politics: ...तो इसलिए 2025 में सरकार बनाने का दावा कर रहे VIP चीफ? CM नीतीश के जातीय सर्वे ने कर दिया काम
Mukesh Sahani: मुजफ्फरपुर में सहनी ने कहा कि जनता का वोट जिसके पास है, अब वही राजा बनेगा. कोई भी बड़ी लड़ाई एक-दो दिनों में नहीं जीती जाती, उसके लिए संघर्ष करना पड़ता है.
Mukesh Sahani Nishad Sankalp Yatra: मुजफ्फरपुर में निषाद संकल्प यात्रा के दौरान वीआईपी चीफ मुकेश सहनी ने सोमवार (14 अक्टूबर) को कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दावा किया कि बिहार में निषादों के बिना सरकार नहीं बनेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जातीय सर्वे के अनुसार निषाद दूसरी सबसे बड़ी जाति है. इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर बिहार में अपनी सरकार बनाना है और अपनी आने वाली पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षित करना है.
कार्यकर्ताओं में जोश भर रहे सहनी
सन ऑफ मल्लाह और वीआईपी चीफ मुकेश सहनी निषाद संकल्प यात्रा के तहत राज्य के हर जिले का दौरा कर कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा एनडीए की सरकार सामंतवादियों की सरकार है. मुकेश सहनी ने कहा कि आज एक भी निषाद का बेटा ऊंचे ओहदे तक नहीं पहुंच पा रहा है, इसका कारण आरक्षण नहीं मिलना है अगर आरक्षण मिलता तो बहुत अच्छे-अच्छे पद पर हमारे बच्चे रहते.
आगे उन्होंने कहा कि अगर निषाद जाति के लोग अपने परिवार और बच्चों का विकास चाहते हैं तो उन्हें अच्छी शिक्षा दें. एक रोटी कम खाइए, लेकिन बच्चों की पढ़ाई को लेकर लापरवाही मत करिए. जब तक निषाद समाज अपनी एकजुटता और शक्ति का आभास नहीं कराएगा, निषाद समाज एक साथ नहीं आएगा, तब तक एनडीए सरकार सौतेला व्यवहार करती रहेगी. उन्होने कहा कि चंद रुपयों की लालच में अपने वोट को मत बेचिए. सहनी ने ये भी कहा कि एक दशक पूर्व निषाद समाज को नहीं जानता था, ना ही उनकी कोई पहचान थी, लेकिन आज वीआईपी और निषाद विकास संघ के बलबूते निषाद समाज को एक नई पहचान मिली.
'हम अपने हक के लिए एकजुट होकर लड़ेंगे'
बता दें कि सीएम नीतीश ने 2023 में बिहार में जो जातीय सर्वे कराया था, उसके मुताबिक निषाद की अबादी 2.6086% यानी 34,10,093 लाख है. इसिलिए सहनी कह रहे हैं कि अब सरकार बनाने की बारी है. उनका कहना है कि जनता का वोट जिसके पास है, अब वही राजा बनेगा. बाबा साहेब ने हमें वो ताकत दी है कि हम अपने बलबूते सरकार बना भी सकते हैं और गिरा भी सकते हैं. हम अपने हक के लिए एकजुट होकर लड़ेंगे.
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