पटना: बिहार के उत्तरी भागों में जहां बारिश का अनुमान है, वहीं दक्षिणी भाग में तपती गर्मी से लोग परेशान हैं. शनिवार को औरंगाबाद, बक्सर, सासाराम, गया में भीषण गर्मी देखी गई और लोग चिलचिलाती धूप से परेशान रहें. वहीं, आज रविवार को भी उत्तर बिहार के 10 जिलों में बारिश होने का पूर्वानुमान है, जिनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, सुपौल, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार और अररिया शामिल हैं. इन जिलों में बारिश के साथ 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने एवं वज्रपात की भी संभावना है.


बीते शनिवार को बिहार के पांच जिले में बारिश हुई. इनमें से तीन जिलों में भारी बारिश हुई. इसमें सबसे अधिक किशनगंज जिले के चौघड़िया में 109.2 मिमी वर्षा हुई, जबकि सुपौल जिले के बीरपुर में 95 मिलीमीटर, अररिया जिले के जोकीहाट में 88.4 मिमी, फारबिसगंज में 82.4 मिमी बरसात हुई है. इसके अलावा पूर्णिया और पश्चिम चंपारण जिले में मध्यम स्तर की वर्षा हुई है.


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आज इन जिलों में 42 से 45 डिग्री तापमान के साथ रहेगी भीषण गर्मी 


बिहार के उत्तरी भाग में बारिश होने के साथ तापमान में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. राज्य के 14 जिलों में भीषण गर्मी के साथ तापमान में बढ़ोतरी देखी जा सकती है, जबकि दक्षिण-पश्चिम भाग के बक्सर, भोजपुर, औरंगाबाद, अरवल, रोहतास, कैमूर, गया और नवादा जिले में भीषण गर्मी के साथ 40 से 45 डिग्री तापमान रहने के आसार है. बीते रविवार को बिहार में भीषण गर्मी देखी गई. राज्य के सात जिलों में 40 डिग्री से अधिक तापमान रहा. सबसे अधिक तापमान बक्सर में 45.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि औरंगाबाद में भी 45 डिग्री, सासाराम जिले के डेहरी में 44.4 डिग्री, गया में 43.7 डिग्री तापमान रहा. इस दौरान लोग गर्मी से परेशान रहें.


इन कारणों से बिहार के मौसम में हुआ बदलाव


मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, आज भी पूरे बिहार में पूर्वी एवं दक्षिणी पूर्वी हवा का प्रवाह सतह से 1.5 किलोमीटर ऊपर तक बना हुआ है, जिसकी गति 10 से 12 किमी प्रति घंटे है. इसके साथ ही एक चक्रवातीय परिसंचरण का क्षेत्र पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं उसके आसपास के इलाके में समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर अवस्थित है. एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ रेखा पूर्वी उत्तर प्रदेश में बने चक्रवातीय परिसंचरण के क्षेत्र से नागालैंड तक बिहार होकर समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर से गुजर रही है. एक उत्तर-दक्षिण ट्रफ रेखा बिहार से तटीय आंध्रप्रदेश तक झारखंड एवं छत्तीसगढ़ से होकर समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर से गुजर रही है, जिसके प्रभाव से बिहार के उत्तर पूर्व भाग के सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार जिलो के कुछ भागों में भारी बारिस होने का पूर्वानुमान है.


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