पटना: मौसम विज्ञान केंद्र ने एक से पांच अगस्त तक बिहार के सभी जिलों में बारिश का पूर्वानुमान जताया था. हालांकि आज शुक्रवार और कल शनिवार को मॉनसून में बेरुखी देखने को मिल सकती है. मौसम विभाग की ओर से आज (4 अगस्त) दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण-पूर्व भाग के एक-दो जिलों में हल्की या मध्यम स्तर की वर्षा, बिजली चमकने एवं वज्रपात की चेतावनी दी गई है. इनमें रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, भागलपुर और बांका शामिल है.


आज किसी भी जिले में भारी बारिश की चेतावनी नहीं दी गई है. अगर शनिवार (5 अगस्त) के मौसम की बात करें तो कल भी मॉनसून में बेरुखी देखने को मिलेगी. हालांकि रविवार से पुनः मॉनसून पूरे बिहार में तीन से चार दिनों के लिए सक्रिय हो सकती है. बुधवार शाम से गुरुवार रात तक 14 जिलों में मध्यम से लेकर हल्की वर्षा हुई है.


सबसे अधिक नवीनगर में हुई बारिश


मौसम विभाग के अनुसार, औरंगाबाद के नवीनगर में सबसे अधिक 42.4 मिलीमीटर बारिश हुई है. रोहतास के नौहट्टा में 37.8 मिमी, भभुआ के रामपुर में 32.2 मिमी, गया के डुमरिया में 21.4 मिमी, जमुई में 21 मिलीमीटर, बक्सर के राजपुर में 18.2, अरवल के कुर्था में 16.2, बांका के कटोरिया में 14.6, भोजपुर के संदेश में 13 मिमी, नालंदा के एकंगरसराय में 12.6 मिमी, अररिया के रानीगंज में 12.4, नवादा के रजौली में 10.4 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है. राजधानी पटना और वैशाली जिले के कुछ भागों में हल्की वर्षा दर्ज की गई है.


आज शुक्रवार को राज्य के अधिकांश जिलों में वर्षा नहीं होने के साथ-साथ तापमान में हल्की वृद्धि देखी जा सकती है. राजधानी पटना में गुरुवार को एक डिग्री सेल्सियस की गिरावट के साथ अधिकतम तापमान 32.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. सबसे अधिक तापमान मोतिहारी में 35.5 डिग्री सेल्सियस रहा. राज्य में सबसे कम तापमान रोहतास के डेहरी में 29.8 डिग्री दर्ज किया गया. प्रदेश के औसत तापमान की बात करें तो 30 से 33 डिग्री के बीच रहा.


इन कारणों से मॉनसून में हुआ बदलाव


मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार उत्तरी छत्तीसगढ़ और आसपास के क्षेत्र के पास अवदाब स्थित है, यह पश्चिम और उत्तर पश्चिम की ओर बढ़कर उत्तर पूर्व मध्य प्रदेश और उससे सटे दक्षिण पूर्व उत्तर प्रदेश में निम्न दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो सकता है. मॉनसून द्रोणी रेखा अमृतसर, करनाल, मेरठ, हमीरपुर अवदाब के केंद्र बालासोर से गुजरते हुए पूर्व की ओर उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी तक प्रभावी है. इसके प्रभाव से अगले दो दिनों तक बिहार के अधिकांश जिलों में वर्षा में कमी देखी जा सकती है. दो दिनों के बाद पुनः बिहार में मॉनसून सक्रिय होगा.


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