Bihar Weather Today: बिहार के 9 जिलों के लोग आज रहें सावधान, 19 शहरों में 40 के पार रहा तापमान, अलर्ट जारी
Bihar Weather Forecast: मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक कोई बदलाव के कोई संकेत नहीं दिए हैं. सबसे अधिक तापमान खगड़िया में 42.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
Bihar Weather News 2 June 2023: प्रदेश में अभी भीषण गर्मी से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है. मौसम विज्ञान केंद्र पटना (Meteorological Center Patna) ने इस बार जून में सामान्य से अधिक गर्मी और तापमान में वृद्धि होने के संकेत दिए गए हैं. साथ ही इस महीने वर्षा भी सामान्य से बहुत कम होने का पूर्वानुमान है. बीते गुरुवार (1 जून) को तापमान में बहुत हल्की गिरावट देखी गई लेकिन आज शुक्रवार को पूरे राज्य में तापमान में बढ़ोतरी के साथ भीषण गर्मी और कई स्थानों पर उष्ण लहर चलने का अनुमान है.
मौसम विभाग की ओर से आज नौ जिलों में उष्ण लहर और लू चलने की चेतावनी दी गई है. साथ ही घरों से बेवजह निकलने से भी मना किया गया है. इन नौ जिलों में पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, मधुबनी, सुपौल और सहरसा शामिल हैं. इसके अलावे राज्य के अन्य जिलों में भी तापमान में वृद्धि के साथ भीषण गर्मी देखने को मिल सकती है. मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक कोई बदलाव के संकेत नहीं दिए हैं.
पटना में 40.9 डिग्री रहा तापमान
बीते गुरुवार की दोपहर मौसम विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, सभी जिलों में भीषण गर्मी से लोग परेशान रहे. कई जिलों में तापमान में गिरावट देखी गई. राजधानी पटना में 0.9 डिग्री सेल्सियस तापमान में गिरावट के साथ अधिकतम तापमान 40.9 डिग्री रहा. गया में 0.8 डिग्री के आसपास तापमान में गिरावट के साथ यहां का अधिकतम तापमान 40.8 डिग्री रहा. गुरुवार को राज्य के 19 जिलों में 40 डिग्री से ऊपर तापमान दर्ज किया गया.
गुरुवार की रिपोर्ट में मौसम विभाग ने बताया है कि छह जिलों में हीट वेव की स्थिति रही. इनमें खगड़िया, भागलपुर जिले का सबौर, मोतिहारी, पूर्णिया, फारबिसगंज और कटिहार शामिल रहे. इन जिलों में सामान्य से लगभग छह डिग्री के आसपास तापमान में वृद्धि देखी गई. सबसे अधिक तापमान खगड़िया में 42.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. सबसे कम तापमान मुजफ्फरपुर में 38.4 डिग्री रहा. राज्य का औसत तापमान 39 से 42 डिग्री के बीच रहा.
मौसम विभाग के अनुसार एक चक्रवाती परिसंचरण का क्षेत्र दक्षिण पश्चिम राजस्थान एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर तक बना हुआ है. इसके प्रभाव से राज्य के सभी जिलों में तापमान में वृद्धि और कई जिलों में उष्ण लहर की संभावना है.
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