पटना: राजधानी पटना स्मार्ट सिटी की लिस्ट में शामिल जरुर है, लेकिन शहर स्मार्ट नहीं बन सका. नई रैंकिंग के इशारों ने इस बात को साफ कर दिया है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल बिहार की राजधानी स्मार्ट सिटी की चार्ट में और नीचे लुढ़क गई है.हालिया रैंकिंग को देखें तो अब ऐसा लगने लगा है कि पटना को अभी पूरी तरह स्मार्ट सिटी बनने में लंबी दूरी तय करनी पड़ सकती है.आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के स्मार्ट शहर मिशन कार्यक्रम के तहत चुनी गई 100 शहरी केंद्रों की नई रैंकिंग की जो रिपोर्ट जारी हुई है उसमें पटना का रैंक 35वां है जो पिछले साल के मुकाबले और नीचे आ गया है साल 2019 में पटना 29 वें पायदान पर था.
रेस में शामिल कौन शहर किस पायदान पर
स्मार्ट शहर मिशन कार्यक्रम के तहत जारी किए गए चार्ट में पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड को मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर रैंकिंग में 100 में से 54.99 का कुल स्कोर मिला है वहीं बिहार के अन्य शहरों की बात करें तो में भागलपुर शहर की स्कोरिंग भी नीचे लुढ़की है और भागलपुर 38.8 के कुल स्कोर के साथ 66 वें स्थान पर है जबकि बिहारशरीफ 38.66 के स्कोर के साथ 67 वें है जबकि सहसे नीचे स्मार्ट सिटी की रेस में मुजफ्फरपुर है जिसे 21.1 अंकों के साथ 91 वें स्थान पर जगह मिली है.अनुपालन पैरामीटर की बात करें तो मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी की रेस में शून्य पर आउट है यानि शहर इस श्रेणी में सबसे निचले पायदान पर है. और इसका सियासी खामियाजा इस बार बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और मुजफ्फरपुर के विधायक सुरेश शर्मा को चुनाव में हार के साथ उठाना पड़ा है जिनके विधायक सह मंत्री रहते शहर के हालात बद से बदतर रहे.
स्मार्ट सिटी पर अधिकारियों की राय
स्मार्ट सिटी की रेस में पिछड़ रही राजधानी के खराब रैंकिंग पर पटना के डिविजनल कमिश्नर सह पीएससीएल के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल का कहना है कि पटना की रैंकिंग में अगली समीक्षा में सुधार हो सकता है क्योंकि स्मार्ट सिटी के तहत कुछ प्रोजेक्ट एक महीने के भीतर ही लॉन्च होने वाले हैं. संजय अग्रवाल की माने तो बीरचंद पटेल मार्ग का सौंदर्यीकरण, अदालतगंज तालाब का पुनर्विकास और पांच सार्वजनिक सेवा केंद्र उद्घाटन के लिए दिसंबर में तैयार होंगे. वहीं स्टेशन क्षेत्र पुनर्विकास परियोजना बिहार राज्य भवन निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा तैयार की जा रही है जिसे दिसंबर में अंतिम रूप दिया जाएगा.
स्मार्ट सिटी की रैंकिंग का पैमाना क्या है
अब सवाल ये उठता है कि स्मार्ट सिटी की रैंकिंग कैसे होती है और इसका पैमाना क्या होता है तो बताते चलें कि रैंकिंग विभिन्न मापदंडों पर आधारित होती है, जिसमें स्मार्ट शहरों के मिशन परियोजनाओं को पूरा करना, जारी किए गए निविदाओं का संचयी मूल्य, काम पूरा करना और विकास के मद में दिए गए धन का उपयोग सही रुप में करना शामिल होता है.
अब राजधानी पटना ने प्रोजेक्ट पूरे करने में खराब प्रदर्शन किया है लेकिन अधिकारियों की माने तो दिसंबर में शुरु होने वाली परियोजनाओं से रैंकिंग के स्तर में इजाफा होने की उम्मीद है तो देर किस बात की अब वो भी समय करीब है अब देखना है कि राजधानी के स्मार्ट सिटी होने का सपना इस वर्ष पूरा हो पाता है या महज एक सपना बन कर रह जाती है.