बिहार: डेढ़ साल पहले गायब महिला की हत्या के जुर्म की सज़ा काट रहे थे 2 लोग, पुलिस ने किया जिंदा बरामद
पुलिस ने हत्या के जुर्म में सजा काट रहे दो लोगों को बचाया और महिला की करतूत को भी उजागर कर हत्या के मामले का पर्दाफाश कर दिया है.
छपरा: सारण में एक महिला की हत्या के जुर्म में सजा काट रहे लोगों को उस वक्त राहत मिली जब पुलिस ने महिला को बच्चा समेत जिंदा बरामद कर लिया. पुलिस ने हत्या के जुर्म में सजा काट रहे दो लोगों को बचाया और महिला की करतूत को भी उजागर कर हत्या के मामले का पर्दाफाश कर दिया है.
मढ़ौरा डीएसपी इंद्रजीत बैठा ने बताया कि वर्ष 2019 के मई माह में डेरनी थाने के ककरहट गांव से एक महिला अपने पुत्र के साथ गायब हो गई थी. घटना के 2 दिनों बाद भेल्दी थाने के हकमा डाबरा नदी के किनारे पुलिस ने एक महिला के शव को बरामद किया था, जिसकी शिनाख्त नहीं होने पर चौकीदार के बयान पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर लिया था.
अगले दिन अखबार में न्यूज़ छपने के बाद परिजन भेल्दी थाने पर पहुंचे, जहां शव की पहचान गायब महिला के पिता परसा थाने के बाजितपुर गांव निवासी विजय सिंह ने अपनी पुत्री स्वीटी देवी के रूप में की. पहचान होने के बाद विजय सिंह द्वारा स्वीटी के पांच ससुराल वाले को नामजद अभियुक्त बनाया था.जिसमें पुलिस ने एक महिला समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. काफी जांच पड़ताल के बाद पुलिस को जब शक हुआ तब तकनीकी साक्ष्य के आधार पर मुजफ्फरपुर से महिला को उसके बच्चे समेत पकड़ कर व्यवहार न्यायालय में सुपुर्द किया.
पूरा मामला ये था
परसा थाना क्षेत्र के बाजितपुर गांव निवासी विजय सिंह की पुत्री स्वीटी देवी की शादी डेरनी थाना क्षेत्र के ककरहट गांव के मनबोध कुमार से वर्ष 2008 में शादी हुई थी जिससे दोनों के 2 पुत्र थे. शादी के बाद मनबोध की दिमागी हालत ठीक नहीं रह रही थी. 15 मई 2019 को स्वीटी 7 वर्षीय अपने छोटे पुत्र पवन को टैंपू में बैठाकर अपने ससुराल से निकल गई. जिसके बाद ससुराल वालों ने घर से जाने की सूचना उसके पिता विजय सिंह को दी. देर शाम तक अपने मायके नहीं पहुंची तब परिजन चिंतित होकर खोजबीन में जुट गए.
घटना के 2 दिनों बाद 17 मई को भेल्दी के हकमा के समीप डबरा नदी से भेल्दी पुलिस ने एक महिला के शव को बरामद किया जिसके अगले दिन के बाद विजय सिंह अपने परिजनों के साथ थाना पहुंचे, जहां उन्होंने शव को देख अपनी पुत्री के रूप में की इस मामले में विजय सिंह द्वारा थाने में प्राथमिकी दर्ज करा ससुराल के 5 लोगों को अभियुक्त बनाया था.
कांड के अनुसंधानकर्ता शिवनाथ राम द्वारा कार्रवाई करते हुए दो लोगों को इस मामले में जेल भेज दिया गया था.पुलिस की जांच जब मढ़ौरा डीएसपी इंद्रजीत बैठा के पास पहुंची तब उन्होंने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए पहले इस बात का पता लगाना चाहा कि आखिर महिला के साथ गायब बच्चा कहां है?
जांच के दौरान डीएसपी के आदेश पर अनुसंधान कर रहे अधिकारी को बदलकर भेल्दी थानाध्यक्ष विकास कुमार को अनुसंधानक बनाया गया. इस दौरान काफी जांच पड़ताल के बाद पता चला कि महिला घर से निकलने के बाद सीधे मुम्बई अपने छोटे पुत्र के साथ चली गई. जहां से वो मुज़फ़्फ़रपुर पवन एक्सप्रेस से आई थी कि पुलिस को भनक लगी और उसे बरामद किया गया.
महिला की हत्या के जुर्म में दो लोग काट रहे थे सज़ा
जिस महिला की हत्या के जुर्म में एक महिला समेत 2 लोग जेल की सज़ा काट रहे थे,अब उसी महिला को सकुशल बरामद कर मढ़ौरा डीएसपी ने पब्लिक में एक अलग छाप छोड़ी है. एक तरफ जहां लोगो मे ऐसी धारणा है कि वरीय अधिकारी ऑफिस में ही बैठकर केस की लीपापोती करते हैं, इसके विपरीत श्री बैठा ने खुद कमान संभाल हत्या के केस को एक अलग दिशा देकर अलग विश्वास बनाया है.कांड का अलग खुलासा कर जेल की सज़ा काट रहे लोगों को रिहा कर बाकी सभी को बरी कर दिया गया है.
डीएसपी ने इस केस के संबंध में कही ये बातें
ढीएसपी की माने तो यह मामला जब उनके पास आया तो बिना कुछ सोचे समझे पहले गायब बच्चें के बारे में पता लगाने की कोशिश किया. इस दौरान परिजनों से ही पता चला कि महिला और मासूम बच्चा ज़िंदा हैं, जिसके बाद दोनों को सकुशल बरामद किया गया है. पुलिस ने कहा कि हमनें अपना कर्तव्य निभाया है निर्दोष जेल की सज़ा काट रहे थे उनको न्याय दिलाकर राहत महसूस कर रहे हैं.