सीतामढ़ी: आज शारदीय नवरात्र का सातवां दिन है. हर कोई मां दुर्गा की भक्ति में लीन है. पूजा के दौरान देवी स्वरूपा कन्याओं की पूजा होती है. हालांकि, इसी समाज के कुछ दरिंदे बच्चियों के साथ छेड़खानी और उनकी अस्मत लूटने की कोशिश करते हैं. ऐसे में इस तरह के लोगों से कैसे बच्चियां अपनी बचाव करें, यह सीख दे रही हैं जिले में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान से जुड़ी महिलाएं. महिलाएं उन बच्चियों का हिम्मत और हौसला बुलंद कर रही हैं, जिन्हें अकेले बाहर जाना पड़ता है.
पहले सुरक्षा की सीख, फिर पूजन
राष्ट्र सेवा समिति की महिलाएं गुरुवार को जिले के खाप खोपराहा गांव स्थित लक्ष्मना नदी के किनारे पहुंची, वहां इस पौराणिक नदी के बचाव में महिलाओं की क्या भागीदारी हो सकती है, इस पर बातचीत की. फिर 21 कन्याओं का पूजन कर दक्षिणा दी गई. इससे पूर्व बच्चियों को मां दुर्गा की तरह बनने को प्रेरणा दी गई.
प्रतिमा आनंद ने बच्चियों को बताया कि मां दुर्गा के 10 हाथ हैं. सभी हाथ में भाला, कृपाण के आलावा अन्य शस्त्र हैं. इन शस्त्रों का उपयोग भगवती अपनी और धरती की रक्षा के लिए करती थीं. बच्चियां भी अपनी रक्षा और बचाव के लिए नाखून, चाकू और कलम का उपयोग कर सकती हैं. उन्होंने इसके तरीके भी बताए.