पटना: कोविड-19 महामारी के दौरान लाभार्थियों के खातों में आर्थिक सहायता के तहत सीधे पैसे डालने की बिहार सरकार की पहल ने उसके विभागों को ‘डिजिटल इंडिया अवॉर्ड’ का विजेता बना दिया है. यह पुरस्कार केंद्र सरकार देती है और इस साल बिहार को यह सम्मान ई-शासन के लिए अभिनव कदम उठाने के लिए मिलेगा. इसकी जानकारी रविवार को जारी आधिकारिक बयान में दी गई है.


गौरतलब है कि कोरोना काल में राज्य से बाहर काम करने वाले बिहार के 21 लाख से अधिक श्रमिकों को ‘बिहार सहायता मोबाइल ऐप’ के जरिये आर्थिक मदद पहुंचाई गई थी.


मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री सचिवालय, आपदा प्रबंधन विभाग के अलावा राज्य के ‘नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर’ (एनआईसी) को संयुक्त रूप से ‘महामारी श्रेणी’ में ‘डिजिटल इंडिया अवॉर्ड-2020’ का विजेता चुना गया है. मिली जानकारी अनुसार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 30 दिसंबर को नयी दिल्ली में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में यह पुरस्कार विजेताओं को प्रदान करेंगे.


गौरतलब है कि मार्च 2020 में कोरोना महामारी को देखते हुए लॉकडाउन की घोषणा की गयी थी. लॉकडाउन के दौरान बिहार के लोग काफी संख्या में बाहर के राज्यों में फंसे हुए थे. ऐसे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्काल पहल करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए थे.


मुख्यमंत्री के निर्देश के आलोक में बाहर फंसे लोगों से बात कर उनका फीडबैक लिया गया और ससमय राहत पहुंचाने के लिए अभिनव पहल की गयी. मुख्यमंत्री के निर्देश पर लॉकडाउन के दौरान बाहर फंसे राज्य के लोगों को ससमय राहत पहुंचायी गयी. बिहार से बाहर फंसे श्रमिकों को बिहार कोरोना सहायता मोबाइल ऐप के माध्यम से 21 लाख से अधिक लोगों को वित्तीय सहायता पहुंचायी गयी थी. सरकार के इसी इनिसिएटिव ने उसे डिजिटल इंडिया अवार्ड का विजेता बना दिया है.


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