Bihar: नौकरी के लिए तेजस्वी आवास के सामने रोते दिखे युवा, नीतीश बोले- हमलोग रोजगार की संख्या और बढ़ाने वाले हैं
Patna News: राबड़ी आवास के बाहर शुक्रवार की सुबह पुलिस मित्रों ने धरना दिया तो वहीं कुछ दूरी पर अनियोजित कार्यपालक सहायक भी सड़क पर दिखे. रोजगार के सवाल पर सीएम और तेजस्वी ने जवाब दिया है.
पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार नौकरी और रोजगार देने को लेकर लगातार दावे कर रही है. चाहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) हों या फिर तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav), दोनों ने इसको लेकर पूरा जोर दिया है. इधर, एक तरफ दावा हो रहा है तो दूसरी और युवाओं का विरोध भी दिख रहा है. शुक्रवार को पटना में दो तस्वीरें दिखीं. एक तरफ राबड़ी आवास के बाहर पुलिस मित्रों ने धरना दिया तो वहीं कुछ दूरी पर अनियोजित कार्यपालक सहायक भी सड़क पर दिखे.
अनियोजित कार्यपालक सहायक वाले युवाओं ने अपनी-अपनी समस्या बताई. एक तरफ नीतीश कुमार रोजगार को और बढ़ाने की बात कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर तेजस्वी के आवास के बाहर अनियोजित कार्यपालक सहायक वाले युवाओं का दर्द भी छलका. एक युवक ने कहा कि अनियोजित कार्यपालक सहायक का फॉर्म 2018-2019 में बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी के द्वारा सामान्य प्रशासन के निर्देश पर हर जिले में निकाला गया था. इसमें कहीं 1000 का तो कहीं 1500 का पैनल बना. इस पैनल से आधे लोगों का नियोजन हो गया और आधे लोगों का रोक दिया गया.
आगे युवक ने कहा कि इसको लेकर वे लोग सीएम से भी मिले. मुख्यमंत्री ने भी आदेश दिया था कि जब एक ही बार पैनल बना तो आधे का नियोजन हो गया और आधे का क्यों नहीं हुआ. पदाधिकारी ने भी जवाब दिया था कि नियोजन शुरू कर दिया जाएगा लेकिन आज डेढ़ साल हो गया लेकिन कुछ नहीं हुआ. कहा कि तेजस्वी यादव से भी मिले लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला. वहीं सुपौल से आए गजेंद्र कुमार ने कहा कि वो भी पैनल में शामिल था लेकिन नियोजन नहीं हुआ. मोतिहारी से आए रविभूषण कुमार प्रजापति ने कहा कि आज शुक्रवार की सुबह वे लोग मंत्री संजय झा के पास भी गए. उन्होंने भी सिर्फ आश्वासन ही दिया है.
आंखों में छलका आंसू, जुबान पर दर्द
इस दौरान एबीपी न्यूज से बातचीत में एक युवक की आंखों में आंसू छलक आया. उसने भरे मन से कहा कि वो रो नहीं रहा है लेकिन सरकार से सवाल पूछना चाहता है कि जब पैनल से वो पास है, इसके बाद आप बुलाते हैं और फिर वापस करते हैं, फिर ये कहां का नियम है? वहीं एक दूसरे युवक ने कहा कि कोई ऐसा मंत्री नहीं है या विभाग नहीं है जहां इन लोगों ने जाकर गुहार नहीं लगाई हो.
एक युवक ने कहा कि तेजस्वी से वो यही कहना चाहेंगे कि दो साल से वो लोग दर-दर भटक रहे हैं. सब जगह से आश्वासन मिल रहा है. कहा- "हम यही कहेंगे कि तेजस्वी यादव नियोजन करवा दें. हम लोग भर दिन खड़ा रहते हैं. अभी नहीं मिलेंगे तो शाम में मिलेंगे. पूरे दिन खड़ा रहते हैं. जब तक नहीं मिल पाते हैं."
बिहार के मुख्यमंत्री ने दिया जवाब
इस सवाल पर कि बेरोजगार लोग घूम रहे हैं और उन्हें लग रहा है कि नौकरी नहीं दी जा रही है, जबकि बिहार में इतने पद खाली हैं. इस पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि ऐसा नहीं सोचना है. उन लोगों को गलतफहमी है. एक दम बेरोजगारी को जितना जल्दी हो सकता है, चाहे वो किसी भी विभाग का हो हमलोग बहुत तेजी से काम कर रहे हैं. हम लोगों ने तय किया है कि सब जगह का रोजगार जल्दी से जल्दी हो जाए. मैं सब लोगों से आग्रह करूंगा कि चिंता मत करें. हमलोग रोजगार की संख्या तो और ज्यादा बढ़ाने वाले हैं.
'हमलोग युवाओं पर दे रहे ध्यान'
इधर, तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार की नकल तो नरेंद्र मोदी करते हैं. बिहार जो पहले करता है वो देश बाद में करता है. आज ही देख लीजिए. हमलोग लगातार नौकरी दे रहे हैं तो आज ही नरेंद्र मोदी नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं. ये तो नकल करते हैं. हमलोग युवाओं पर ध्यान देते हैं.
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