हाजीपुर-हाजीपुर से दिवंगत राम विलास पासवान का गहरा लगाव रहा है. क्योकि यही उनकी कर्मभूमि रही है, पासवान 8 बार हाजीपुर से सांसद रहे. 1977 से राजनीती की शुरुआत हाजीपुर से करने वाले रामविलास पासवान ने हाजीपुर से 10 चुनाव लड़ा, जिसमे 8 बार जीते और 2 बार उन्हें चुनाव में हार मिली थी. हाजीपुर से चुनावों की कहानी और पासवान जी के जीत का मंत्र हाजीपुर एक परिवार से जुड़ा रहा. आज उनके निधन से पूरा परिवार मर्माहत है.


पासवान जी का लकी कार्यालय


दरअसल 1977 में पहले चुनाव के लिए राम विलास पासवान ने जिस परिवार से चुनाव कार्यालय के लिए जगह ली थी , वो उनके जीत का लक्की साइन बन गया. हाजीपुर के डाकबंगला रोड पर है इंदुभूषण ठाकुर का घर . इस घर का और इसके मालिक इंदुभूषण सिंह का राम विलास पासवान की लगातार चुनावी जीत से एक संयोग जुड़ा है . 1977 के पहले चुनाव से लेकर 2014 के चुनाव तक कुल 10 चुनावी साल में 8 बार रामविलास पासवान को जो जीत मिली.उस समय जी का प्रधान चुनाव कार्यालय इंदुभूषण सिंह के घर में रहा. 1984 और 2009 के साल में चुनाव कार्यालय इंदुभूषण सिंह के घर की जगह घर के पास के ही एक दूसरे मकान में बनाया गया. लेकिन इन दोनों चुनावों में राम विलास पासवान चुनाव हार गए .


पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए भी लकी कार्यालय


पार्टी से जुड़े नेता और कार्यकर्ता को भी अपने नेता की जीत और उनके लकी चुनाव कार्यालय वाले इस मकान पूरा भरोसा रहता है. जानकारों की माने तो खुद पासवान भी इस बात को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओ को ताकीद करते थे की चुनाव का प्रधान कार्यालय इस लकी मकान में ही बनाया जाए.


लकी कार्यालय में छाई वीरानगी


इस लकी मकान के मालिक इंदुभूषण सिंह का राम विलास पासवान से एक गहरा जुड़ाव था. इनकी माने तो पासवानजी भी इनके घर को खुद के लिए लक्की मानते थे और लगातार उनके मकान के साथ परिवार से भी जुड़े रहे. इनके निधन की खबर से इंदुभूषण सिंह और उनका पूरा परिवार मर्माहत है.