बिहार में लगा देशभर के कानूनविदों का जमावड़ा, चीफ जस्टिस ने चुनौतियों से निपटने की बताई यह राह
BIPARD Convention: गया के बिपार्ड में दो दिवसीय सम्मलेन में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कानूनी जानकारों ने शिरकत की. भारतीय न्याय संहिता पर अपने विचार भी प्रकट किए.
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Gaya News: गया में बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (BIPARD) में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आज समापन हो गया. इस सम्मेलन में देशभर से आए प्रमुख न्यायविद, कानूनी विशेषज्ञ और वरिष्ठ प्रशासक जुटे थे. चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन (K. Vinod Chandran) ने इस अवसर पर परिवर्तनकारी कानूनों को इस्तेमाल को बेहतर बनाने और चुनौतियों का समाधान करने में सामूहिक भागीदारी के महत्व पर बल दिया.
उन्होंने विश्वास जाहिर किया कि न्यायाधीशों, विधि विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति से समृद्ध दो दिवसीय चर्चा, नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए उपयोगी जानकारी उपलब्ध कराएगी. सम्मेलन में प्रमुख राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के कुलपति, पुलिस महानिदेशकों के कुलपति, विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के गृह सचिव, जिला न्यायाधीश, और देश भर के अन्य न्यायिक हस्तियों ने हिस्सा लिया. 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों, विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र के उल्लेखनीय प्रतिनिधित्व के साथ, इस कार्यक्रम को एक सच्चा राष्ट्रीय स्वरूप प्रदान किया गया.
सम्मेलन में इन विषयों पर हुई चर्चा
सम्मेलन का मुख्य केंद्र 1 जुलाई 2024 से प्रभावी तीन परिवर्तनकारी कानूनों- BNSS, BNS और BSA के कार्यान्वयन और प्रारंभिक प्रभाव का मूल्यांकन करना था. इन कानूनों के द्वारा न्याय प्रणाली में तेजी लाते और आपराधिक न्याय ढांचे को नया रूप देने में उनके योगदान को समझने पर जोर दिया गया. सम्मेलन में छह तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिनकी अध्यक्षता उच्च न्यायलयों के माननीय न्यायाधीशों ने की और इसका संचालन प्रमुख विधि विश्वविद्यालयों के कुलपति ने किया.
नए कानून के कार्यान्वयन की चुनौतियों का हुआ जिक्र
जिला न्यायाधीशों, अतिरिक्त जिला न्यायाधीशों और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों ने इन कानूनों के पहले 120 दिनों के कार्यान्वयन के दौरान उत्पन्न चुनौतियों, अनुभवों और शिक्षाओं पर प्रकाश डाला गया. इन तकनीकी सत्रों में BNS, BNSS और BSA के तहत प्रक्रियात्मक और परिचालन चुनौतियों पर चर्चा की गई, जिनमें संज्ञान, उद्घोषित अपराधी, अनुपस्थिति में न्यायिक प्रक्रिया, और गवाह सुरक्षा जैसे मुद्दे शामिल थे.
सम्मेलन के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए महाधिवक्ता, पी. के. शाही ने कहा कि BIPARD के लगादतार प्रयासों से न्यायपालिका, प्रशासन, जांच एजेंसियों और शैक्षिक संस्थाओं को एक साथ लाने के लिए किए गए निरंतर प्रयास सराहनीय हैं. उन्होंने बिपार्ड के महानिदेशक के. के. पाठक के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने सभी संबंधित पक्षों को एक मंच पर लाकर नए आपराधिक कानूनों के प्रभावी और त्वरित क्रियान्वयन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.
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