Land Survey: बिहार में जमीन सर्वे को लेकर घमासान मचा हुआ है. इस पर खूब राजनीति भी हो रही है. जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने शुक्रवार को कहा कि बिहार ऐसा दुर्भाग्यशाली राज्य था जहां भूमि सुधार के एजेंडे पर काम नहीं हुआ था. 60 फीसद आपराधिक घटनाएं भूमि विवाद में हो रही थी. अब इसमें कमी आयी है. प्रशांत किशोर एवं अन्य विपक्षी दल जो भूमि सर्वे पर सवाल उठा रहे हैं. उन लोगों से कहना चाहता हूं कि प्रशांत किशोर को राजनीतिक दल बनाना है और सर्वे में बताया जा रहा है नुकसान होगा. विपक्षी दलों को कोई फायदा चुनाव नहीं होगा इसलिए जमीन सर्वे को मुद्दा बनाया जा रहा है.
वहीं, आरजेडी के प्रवक्ता ने मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि लोग अपनी समस्याओं को लेकर अधिकारियों के पास जा रहे हैं तो उनसे पैसे मांगे जाते हैं. भ्रष्टाचार हो रहा है. अधिकारी अमीन मनमानी कर रहे हैं. जमीन सर्वे के नाम पर लोगों को परेशान करने का काम हो रहा है. गंभीरता से पूरे मामले को सरकार ले.
आरजेडी का आया रिएक्शन
नीरज कुमार ने कहा कि बिहार में जमीन सर्वे हो रहा है. भू निवारण कानून बनाया गया है. बहुत सारी ऐसी जमीने हैं जिसका ना जमाबंदी हुआ न लोगों ने रसीद कटवाया. रेवेन्यू अधिकारियों, अमीनों की बहाली हुई. लैंड सर्वे इसलिए जरूरी है क्योंकि शहरी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर लोगों ने जमीन खरीदी है. भूमि हथबंदी कानून का उल्लंघन हो रहा था जो जमीन को जोतेगा वहीं जमीन का मालिक होगा. वहीं, मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जमीन सर्वे का काम बिहार सरकार करा रही है, लेकिन आम लोगों को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. बहुत सारी ऐसी जमीनें हैं जिसका विवाद सिविल कोर्ट में पेंडिंग है. उन जमीनों का सर्वे कैसे होगा? बहुत सारी ऐसी जमीनें हैं जो 100 वर्ष पुरानी हैं. उसका कागजात लोगों के पास नहीं है.
बीजेपी का आया बयान
वहीं, विपक्ष के सवाल पर बिहार बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि लैंड सर्वे पर विपक्ष सवाल उठा रहा है क्योंकि विपक्ष के नेता तेजस्वी 9वीं पास हैं. ज्ञान नहीं है. लैंड सर्वे को लेकर विपक्ष जनता को भरमा रहा है. सरकार के अधिकारी जमीन पर जा रहे हैं. वंशावली लोगों से मांग रहे हैं. खातियान देख रहे हैं. आगे उन्होंने कहा कि राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जयसवाल हैं जो बिहार बीजेपी अध्यक्ष हैं. उन्होंने अपना मोबाइल नंबर जारी किया है कि जमीन सर्वे में लोगों को कोई भी दिक्कत हो रही है तो उनको डायरेक्ट कॉल करें. जब तक आप किसी विषय को हल करने का प्रयास नहीं करेंगे तो वह विवाद बना ही रहेगा. जिनके पास जमीन का कागजात नहीं है उनको सरकार अपना पक्ष रखने का तीन मौका दे रही है उसके बाद न्यायालय में भी बात रखने का मौका है. अब इसके बाद भी किसी के पास अपने जमीन का कागज नहीं हो यह कैसे संभव है?
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