पटना: बिहार में एक महीने पहले एनडीए सरकार (NDA Government) का गठन हुआ था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने बीजेपी के साथ मिलकर नौंवी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. बीजेपी, जेडीयू, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और निर्दलीय मिलाकर आठ नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं किया गया है. बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर जो स्थिति बनी हुई है वही स्थिति करीब दो महीने पहले राजस्थान में देखी गई थी. सवाल है कि कहीं बीजेपी राजस्थान के तर्ज पर चाल तो नहीं चल रही?


दरअसल, राजस्थान में भी मंत्रिमंडल के विस्तार में देरी हुई थी. शपथ ग्रहण के 15 दिन बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था. ऐसे में इस पर राजनीतिक चर्चा भी होने लगी है कि क्या बीजेपी ने जिस स्टैंड पर राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार किया है उसी तरह बिहार में भी करने वाली है? देरी के क्या मायने हैं?


कैबिनेट विस्तार में देरी पर मचा सियासी बवाल


बिहार में हो रही कैबिनेट विस्तार में देरी पर सियासी बवाल मच गया है. बीजेपी का स्टैंड जो भी हो, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार में देरी पर राजनीतिक बयानबाजी  का दौर शुरू हो गया है. बीते रविवार (25 फरवरी) को पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा था कि एक महीने में मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हो सका है. इसके पीछे क्या कारण है? सभी महत्वपूर्ण कार्यों में देरी हो रही है, सीएम को इस बारे में जवाब देना चाहिए. कुछ दिन पहले बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होने की वजह नीतीश कुमार और बीजेपी को बताया था.


क्यों हो रही है देरी?


तीन दिसंबर को राजस्थान में बीजेपी को स्पष्ट बहुमत मिला था. 15 दिसंबर को भजन लाल शर्मा ने मुख्यमंत्री की शपथ ली थी. दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. इनके अलावा किसी ने भी मंत्री पद की शपथ नहीं ली थी. मंत्रिमंडल विस्तार का मामला राजस्थान में भी शपथ ग्रहण के 15 दिनों तक अटका रहा था.


25 दिसंबर को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बयान देते हुए कहा था कि मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होने से सरकारी कामकाज ठप हो गया है. सभी में असमंजस की स्थिति होने लगी है. इसके बाद 30 दिसंबर को राजस्थान में मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था. इसमें 22 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली थी. इनमें 12 कैबिनेट मंत्री थे. उस वक्त यह चर्चा होने लगी थी कि गृह मंत्री अमित शाह नए चेहरे को आगे करने वाले हैं. अब क्या बिहार में भी बीजेपी इसी उधेड़बुन में है? क्योंकि पहले से चर्चा हो रही है कि बीजेपी बिहार में मंत्री के लिए फिर नए चेहरे को आगे कर सकती है. योग्य लोगों का चयन किया जा सकता है. मंत्रिमंडल विस्तार में देरी का कारण जो भी हो लेकिन राजनीतिक हलचल तेज है.


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