Bihar Politics: सम्राट अशोक के बहाने भड़ास निकाल रहे नेता, BJP ने राष्ट्रीय पार्टी होने का दिखाया रौब तो JDU ने लगा दी 'क्लास'
जेडीयू ने संजय जायसवाल पर तंज कसते हुए कहा कि कोई नेता जब क्षेत्रीय दल से राष्ट्रीय दल में चला जाता है तो वो खुद को भी राष्ट्रीय नेता मानने लगता है. जबकि नेता दल से नहीं बल्क व्यक्तित्व से बनता है.
पटना: सम्राट अशोक पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले पर विवाद जारी है. इस मुद्दे पर जेडीयू और बीजेपी के बीच घमासान मचा हुआ है. स्थिति ये है कि पार्टी प्रवक्ता एक दूसरे पर ट्विटर पर कीचड़ उछाल रहे हैं. सम्राट अशोक के बहाने वो अपनी भड़ास निकाल रहे हैं. इसी क्रम में जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने शुक्रवार को बीजेपी पर निशाना साधा. निखिल ने कहा, " दया शंकर सिन्हा का पद्मश्री पुरस्कार वापस लेने की मांग पर राष्ट्रीय दल को मिर्ची क्यों लग रही है? सम्राट अशोक मौर्य पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले का पुरस्कार वापस होना चाहिए की नहीं? राष्ट्रीय दल वाले लोग इसपर अपने सपाट विचार दीजिए."
संजय जायसवाल पर कसा तंज
उन्होंने कहा कि कुछ लोग जो गफलत में है कि वो ज्यादा जानते हैं, दरअसल वो हम जेडीयू वालों को कम पहचानते हैं. बयानबाजी नहीं, कार्रवाई चाहिए. वैसे एक गाना याद आ रहा है- तुझको मिर्ची लगी तो मैं क्या करूं?? वहीं, उन्होंने संजय जायसवाल पर तंज कसते हुए कहा कि कोई नेता जब क्षेत्रीय दल को छोड़ राष्ट्रीय दल में चला जाता है तो वो खुद को भी राष्ट्रीय नेता मानने लगता है. जबकि नेता दल के आकार से नहीं बल्कि व्यक्तित्व से बनता है. कर्म अच्छे होंगे तो लोग आपको महत्व देंगे वरना जनता मालिक है और ये मालिक धूल चटाने में भी वक्त नहीं लगाती."
कोई नेता जब क्षेत्रीय दल को छोड़ राष्ट्रीय दल में चला जाता है तो वो खुद को भी राष्ट्रिय नेता मानने लगता है।
— Nikhil Mandal (@nikhilmandalJDU) January 14, 2022
जबकि नेता दल के आकार से नही बल्कि व्यक्तित्व से बनता है।
कर्म अच्छे होंगे तो लोग आपको महत्व देंगे वरना जनता मालिक है और ये मालिक धूल चटाने में भी वक्त नही लगाती। https://t.co/WoLrCbblRw
कुछ लोग जो गफलत में है कि वो ज्यादा जानते है
— Nikhil Mandal (@nikhilmandalJDU) January 14, 2022
दरअसल वो हम जदयू वालों को कम पहचानते है।
बयानबाजी नही - कारवाई चाहिए।
वैसे एक गाना याद आ रहा है :-
तुझको मिर्ची लगी तो मैं क्या करूं..??
बीजेपी प्रवक्ता ने कही ये बात
बता दें कि बीते दिनों जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल को निशाने पर साधा था. ऐसे में बीजेपी के प्रवक्ता ने उन पर पलटवार किया था. उन्होंने ट्वीट कर कहा, " दूसरों के कंधे पर बैठकर राजनीति में खुद को ऊंचा देखने वाले अपना कद नाप लें, अपने गिरेबान में झांकें. क्षेत्रीय दलों और निजी पॉकेट की दुकानों के तथाकथित राष्ट्रीय नेताओं ने राजनीति को वैचारिक आडंबर की आड़ में मसखरे बाजी, अय्याशी, धन उगाही और गिरोह संस्कृति का माध्यम बना दिया है.
जानें क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि यह सारा विवाद साहित्यकार दया प्रकाश सिन्हा के एक लेख पर मचा हुआ है. उन्होंने लेख में बिहार का गौरव मानें जाने वाले सम्राट अशोक के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इस मुद्दे को उठाते हुए जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने प्रतिक्रिया देते हुए पीएम मोदी से साहित्यकार से अवार्ड वापस लेने को कहा था. हालांकि इस पर बीजेपी नेताओं ने विपरीत प्रतिक्रिया दी थी. इसके बाद से ही वार पलटवार का दौर जारी है.
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