Jitan Ram Manjhi Controversy: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की ओर से एक कार्यक्रम के दौरान पंडितों को लेकर दिए गए बयान पर विवाद जारी है. बयान को लेकर राज्य भर में मांझी का विरोध किया जा रहा है. विपक्ष के साथ-साथ एनडीए घटक दल के नेता भी उन्हें घरे रहे हैं. इसी क्रम में बीजेपी (BJP) नेता गजेंद्र झा (Gajendra Jha) ने सोमवार को बड़ा बयान दिया था. मांझी के पंडितों वाले बयान से खफा होकर उन्होंने एलान किया था कि जो आदमी मांझी की जीभ काटकर ले आएगा, उसे वो 11 लाख रुपये का इनाम देंगे.
एबीपी से की खास बातचीत
उनके इस बयान के बाद बवाल मच गया. हालांकि, अब भी वे अपने बयान पर टिके हुए हैं. मंगलवार को एबीपी न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा, " मैं अपने बयान पर अडिग हूं. मुझे कोई डर नहीं कि पार्टी मेरे खिलाफ एक्शन लेगी. मैं बीजेपी नेता से पहले ब्राह्मण हूं. जीतन मांझी ने जो कहा है उसके लिए पहले वो माफी मांगे."
बीजेपी नेता ने कहा, " राम का अपमान करने वाले जीतन राम मांझी को अगर राम में विश्वास नहीं तो सबसे पहले जीतन के बाद 'राम' लगाने वाले को खोजें. उन्होंने हिंदुओं ने का अपमान किया है. दरअसल, उनकी मीडिया में बने रहने की आदत है. वो चर्चा का विषय बनना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने ऐसा कहा है."
गजेंद्र झा ने कही थी ये बात
बता दें कि सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए बीजेपी नेता गजेंद्र झा ने कहा था कि पंडितों ते खिलाफ बोलने वाले जीतन राम मांझी की जीभ काटने वाले को 11 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा. साथ ही जिंदगी भर उसका भरण पोषण किया जाएगा. हालांकि, उनके इस बयान पर हम में कड़ी आपत्ति जताई है.
पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने खुले तौर पर कहा है कि किसकी मां ने दूध पिलाया है जो मांझी जी का जीभ काट ले. बीजेपी नेतृत्व अपने नेताओं को संभाले, नहीं तो परिणाम बुरे होंगे. मांझी ने जब खेद प्रकट कर दिया तो फिर मामले को तूल देना ठीक नहीं है.
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