Bihar Politics: संस्कृत के प्रश्न पत्र में इस्लाम पर सवाल को लेकर सियासत गरमाई, आग बबूला हुए गिरिराज, महगठबंधन बचाव में उतरा
Politics on Sanskrit: संस्कृत के प्रश्न पत्र में मुस्लिम धर्म से जुड़े सवाल को लेकर बिहार में राजनीति शुरू हो गई है. इस मुद्दे पर गिरिराज सिंह ने सवाल उठाया. वहीं, जेडीयू और आरजेडी ने प्रतिक्रिया दी.
पटना: बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड ने नवीं की परीक्षा में संस्कृत के प्रश्न पत्र में मुस्लिम धर्म से जुड़े त्योहार को लेकर प्रश्न पूछा है. अब इस प्रश्न पत्र को लेकर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. मोदी सरकार के बड़बोले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने एक्स पर नीतीश सरकार (Nitish Kumar) को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने प्रश्नपत्र पत्र के फोटो को दिखाते हुए लिखा है कि 'बिहार में संस्कृत का भी इस्लामीकरण हो गया'. वहीं, इस मुद्दे को लेकर पूछे गए सवाल पर भड़कते हुए गिरिराज सिंह ने शनिवार कहा कि हम पर आरोप लगाया जाता है कि गिरिराज सिंह हिंदू-मुस्लिम करते हैं. मैं हिंदू-मुस्लिम नहीं करता हूं, लेकिन जब तक हिंदुओं पर प्रहार होता रहेगा, हम विरोध करते रहेंगे.
भड़के गिरिराज सिंह
गिरिराज सिंह ने कहा कि संस्कृत में सवाल पूछने का क्या मतलब है? क्या संस्कृत का इस्लामीकरण हो रहा है. गिरिराज सिंह ने कहा कि हमें किसी ने कहा है कि संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया है कि यह सिलेबस में है. मैं कहना चाहता हूं कि सिलेबस में है तो बिल्कुल गलत है. मदरसा में जो पढ़ाई होती है वहां संस्कृत के बारे में सनातन के बारे में सिलेबस में क्यों नहीं डाला जाता है? वहां सिलेबस में डालकर देखिए पता चल जाएगा. आगे उन्होंने कहा कि संस्कृत बोर्ड के अध्यक्ष कहेंगे कि बच्चों को उनके बारे में जानना जरूरी है. उन्होंने बिहार सरकार पर हमला करते हुए कहा कि तब तो नीतीश कुमार, लालू यादव इफ्तार पार्टी में जाते हैं तो वे सप्ताह में एक दिन नमाज में पढ़ने जाएंगे और बिहार वासियों को फरमान देंगे कि सभी लोग महीने में एक दिन नमाज भी करने जाएं क्योंकि उनके बारे में भी जानना जरूरी है. सभी हिंदुओं को एकजुट होना होगा क्योंकि हमारे धर्म का इस्लामीकरण हो रहा है.
भाषा पर कांग्रेस ने दी सीख
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता आशीत नाथ तिवारी ने गिरिराज सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि गिरिराज सिंह 10 वर्षों से केंद्र में मंत्री बने हुए हैं, लेकिन वह 10 वर्षों में एक भी काम बता दें जो बिहार के लिए उन्होंने किया हो, जो व्यक्ति 10 वर्षों में बिहार के लिए एक काम नहीं कर सकता है वह हिंदू-मुस्लिम नहीं करेगा तो और क्या करेगा? भाषा का कोई धर्म से मतलब नहीं है. भोजपुरी भाषा बोली जाती है. हिंदू भी भोजपुरी बोलते हैं और मुस्लिम भोजपुरी बोलते हैं. मैथिली भाषा बोली जाती है. हिंदू भी मैथिली बोलते हैं और मुस्लिम ही मैथिली बोलते हैं. भाषा भौगोलिक स्थितियों से तय होती है. भाषा का धर्म से संबंध नहीं होता है, लेकिन यह पढ़ा लिखा व्यक्ति ही जानेगा, हिंदू-मुस्लिम करने वाला व्यक्ति कैसे यह बात जानेगा.
गिरिराज के बयान पर आरजेडी नेता भोला यादव ने दी प्रतिक्रिया
वहीं, इस पर लालू के करीबी और आरजेडी नेता भोला यादव ने कहा कि यह इस्लामीकरण का सवाल नहीं है. हम सिलेबस से अपने बच्चों को धर्म के बारे में जानकारी देते हैं. संस्कृत बोर्ड मध्यमा का परीक्षा लेता है उसमें संस्कृत पढ़ने वाले में ज्यादातर हिंदू के बच्चे होते हैं और हिंदू के बच्चों को दूसरे धर्म के बारे में जानना जरूरी होता है इसलिए संस्कृत बोर्ड इस्लाम धर्म के बारे में ,ईसाई धर्म के बारे में, बौद्ध धर्म के बारे में सिलेबस में रखते हैं और उसी के अनुसार प्रश्न भी पूछे जाते हैं. इसमें सवाल पूछे गए है रमजान कैसे मनाया जाता है?नमाज की क्या प्रक्रिया है, इफ्तार में क्या किया जाता है? यह कोई गलत बात नहीं है. बच्चों को सभी धर्म के बारे में जानना जरूरी है.
'बीजेपी के लोगों को ओछी मानसिकता नहीं रखनी चाहिए'
आगे आरजेडी नेता ने कहा हर साल अपेक्षा इस साल संस्कृत शिक्षा बोर्ड में मुस्लिम समुदाय से 1000 बच्चे उपस्थित हुए थे, जिसमें 800 इस्लाम धर्म को मानने वाले बच्चे पास हुए हैं. तो यह बड़ी बात है कि आज इस्लाम धर्म के बच्चे भी संस्कृत पढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोगों को इससे सीख लेनी चाहिए कि इस्लाम धर्म के लोग संस्कृत के बारे में जानकारी ले रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी के लोगों को ओछी मानसिकता नहीं रखनी चाहिए. भारतीय जनता पार्टी बाबा भीमराव अंबेडकर के संविधान को नहीं मानती है वह मनुस्मृति को मानती है इसमें सिर्फ हिंदुत्व के बारे में बताया जाता है.
जेडीयू ने गिरिराज पर साधा निशाना
वहीं, गिरिराज सिंह पर हमला बोलते हुए जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि यह तो गंगा-जमुना तहजीब है, हिंदी पढ़ने वाले लोग उर्दू पढ़ते हैं और उर्दू पढ़ने वाले लोग हिंदी भी पढ़ते हैं. गिरिराज सिंह संस्कृत में दिए गए प्रश्न पर सवाल उठा रहे हैं तो पहले उन्हें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पूछना चाहिए कि योगी आदित्यनाथ बाबा है और नाथ संप्रदाय में मोहम्मद बोध पढ़ा जाता है, जिसमें ओम है तो मोहम्मद है शीश है, तो मजीद है, सतनाम आदेश, ओम गुरुजी इस तरह की भाषा पढ़ी जाती है.
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