पटना: बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) को बिहार सरकार में उप मुख्यमंत्री बनाने के बाद अब प्रदेश अध्यक्ष के बदलाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. माना जा रहा है कि शनिवार को दिल्ली में होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद बिहार के नेता लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) को लेकर मैदान में सक्रिय हो जाएंगे. बीजेपी सूत्रों का कहना है कि नेतृत्व किसी जुझारू और आक्रामक छवि के नेता की तलाश में है, जो सम्राट चौधरी की जगह को भर सके. ऐसे में अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर बीजेपी जातीय समीकरण को भी साधने की कोशिश करेगी.


अनुसूचित जाति के नेता पर बीजेपी का ध्यान


एनडीए की सरकार बनने के बाद नंद किशोर यादव को विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया है, जो यादव जाति से आते हैं जबकि, सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा उप मुख्यमंत्री हैं. दोनो क्रमशः कुशवाहा और भूमिहार जाति से आते हैं. बीजेपी कोटे से मंत्री बने भीम सिंह चंद्रवंशी समाज से आते हैं. वहीं, बीजेपी के लोगों का कहना है कि अनुसूचित जाति से आने वाले किसी नेता को बड़ा दायित्व नहीं मिल सका है. ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी किसी अनुसूचित जाति से आने वाले नेता को अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप सकती है. 


वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि लोकसभा चुनाव तक पार्टी सम्राट चौधरी को अध्यक्ष पद से हटाने का जोखिम भी नहीं उठाना चाहेगी.


बीजेपी का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू


बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों, रणनीति और एजेंडे को अंतिम रूप देने के लिए नई दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में आज से बीजेपी का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू होने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के मुताबिक, बीजेपी इस बार अकेले 370 और एनडीए के सहयोगियों के साथ मिलकर 400 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करने के लक्ष्य को लेकर चुनावी मैदान में जाने की तैयारी कर रही है, इस लिहाज से राष्ट्रीय अधिवेशन की बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है.


ये भी पढे़ं: Lok Sabha Election 2024: बिहार में कितनी सीटों पर लोकसभा चुनावी लड़ेगी AIMIM? असदुद्दीन ओवैसी ने दिया बड़ा बयान