पटना: बिहार में जातीय सर्वेक्षण की रिपोर्ट (Bihar Caste Survey Report) जारी होने के बाद इसके सही और गलत को लेकर बहस जारी है. इस बीच कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी इसके त्रुटिपूर्ण होने के आरोप लगाए हैं. अब बीजेपी (BJP) ने इसको लेकर नई रणनीति पर आगे बढ़ने की कवायद शुरू कर दी है. इसमें कोई शक नहीं है कि जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद कई जातियों की संख्या कम होने पर प्रश्न उठाए जा रहे हैं, जिससे खास जाति के लोगों की नाराजगी भी बढ़ रही है. बीजेपी अब इसी मुद्दे को हथियार बनाने के जुगाड़ में है.


बीजेपी ने मनाई कैलाशपति मिश्र की 100 वीं जयंती 


बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पटना में आयोजित कैलाशपति मिश्र की 100 वीं जयंती पर बीजेपी को ओबीसी की सबसे बड़ी हितैषी बताकर यह साफ संदेश दे दिया कि बीजेपी अब ओबीसी के जरिए चुनावी मझधार को पार करने की नीति बनाएगी. इसके अलावा कैलाशपति मिश्र के जयंती समारोह को एक महीने तक अलग-अलग जिले में मनाए जाने की योजना है. इसके तहत बीजेपी जनसंघ और अपने पुराने कार्यकर्ताओं, नेताओं को सम्मानित भी करेगी. कहा जा रहा है बीजेपी इस योजना के जरिए जहां सभी जिलों में सवर्ण मतदाताओं को साधने की कोशिश में है, वहीं पुराने कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने तथा उन्हें सम्मान देकर उनको फिर से जोड़कर चुनावी नैया पार करने की रणनीति पर काम कर रही है.


एक दिवसीय दौरे के कार्यक्रम में पहुंचे थे जेपी नड्डा 


बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पटना के एक दिवसीय दौरे के क्रम में प्रदेश कार्यालय में कोर कमेटी, प्रदेश पदाधिकारियों, सांसद-विधायक और विधान पार्षदों के साथ बैठक में जातीय गणना पर सवाल उठाने के बजाए सबको साथ लेकर चलने का मूलमंत्र दिया है. उन्होंने कार्यकर्ताओं से पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग पर खास फोकस करने की नसीहत देते हुए कहा कि उनके पास जाएं और यह बताएं कि बीजेपी ही उनकी हितैषी है.


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