पटना: दलितों के वोट बैंक पर पकड़ बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) रविवार (26 नवंबर) को भीम संसद कार्यक्रम का आयोजन कर रही है. वहीं, बीजेपी इस कार्यक्रम पर निशाना साध रही है. बीजेपी (BJP) के प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन के पटल पर दलित के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) को अपमान करने का काम किया. ऐसे में दलित अब उनके झांसे में नहीं आने वाला है. मुख्यमंत्री को दलित पहचान चुका है. दलित के नेता जीतन राम मांझी, चिराग पासवान, पशुपति पारस सभी बीजेपी के साथ हैं.
'बेल कराने वाला भी कोई नहीं है'
प्रभाकर मिश्रा ने कहा कि नीतीश कुमार ने जिस तरह दलितों का अपमान किया है, शराबबंदी कानून से कई दलित के घर तबाह हो गए हैं. जितने लोग शराबबंदी में पकड़े गए हैं उनमें 85 प्रतिशत दलित लोग ही हैं. कई घर ऐसे हैं जिनको बेल कराने वाला भी कोई नहीं है.
लोकसभा चुनाव को लेकर जेडीयू की मुहिम
बता दें कि जनता दल यूनाइटेड रविवार को भीम संसद कार्यक्रम का आयोजन कर रही है. इसकी अगुवाई जेडीयू कोटे के दलित मंत्री अशोक चौधरी, मंत्री सुनील कुमार और रत्नेश सदा कर रहे हैं. जेडीयू की मुहिम है कि अब 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी में दलितों को एकजुट किया जाए. बता दें कि आने वाले समय में लोकसभा चुनाव के साथ बिहार में 2025 में विधानसभा का भी चुनाव होना है. इस बीच सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू भीम संसद का आयोजन करने जा रही है. इसको लेकर बिहार की राजनीति गरमा गई है. वहीं, जेडीयू के भीम संसद को लेकर राजधानी पटना के ट्रैफिक रूट में बदलाव भी किए गए हैं.
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