पटना: रिहाई को लेकर बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) इन दिनों काफी चर्चा में हैं. इसको लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद राजीव प्रताप रूडी (Rajiv Pratap Rudy) ने बुधवार को कहा कि सरकार का यह निर्णय सिद्ध करता है कि उन्हें जानबूझकर षड्यंत्र का शिकार बनाया गया. आनंद मोहन को रिहा करके राज्य सरकार ने उनके निर्दोष होने का प्रमाण दिया है. अब राज्य सरकार को प्रायश्चित भी करना चाहिए तथा नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और लालू यादव (Lalu Yadav) को माफी भी मांगनी चाहिए. एक समय में समय एक जाति विशेष के व्यक्ति चाहे वो पद और प्रतिष्ठा में किसी भी मुकाम पर रहे, वे सरकार प्रायोजित षड्यंत्र का शिकार होते रहे. इसमें प्रभुनाथ सिंह (Prabhunath Singh) भी शामिल हैं, उन्हें भी जेल से रिहा करना चाहिए.
आनंद मोहन प्रायोजित षड्यंत्र के शिकार हुए- रूडी
राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि जिस समय आनंद मोहन को आजीवन कारावास की सजा हुई थी उस समय लालू प्रसाद यादव बिहार के मुख्यमंत्री थे, उस दौरान एक घटित घटना में आनंद मोहन को अपराधी मानकर दोषी करार दिया गया था, लेकिन यह भी बात सच है कि आज उन्हें रिहा करके सरकार ने उन्हें दोषमुक्त करार दिया है. उनकी रिहाई ने इस बात को स्थापित कर दिया है कि वे उस घटना में निर्दोष थे और प्रायोजित षड्यंत्र के शिकार हुए थे. उन्होंने कहा कि भीड़ द्वारा की गई दुर्घटना की पूरी जिम्मेदारी आनंद मोहन पर डालकर तत्कालीन सरकार के प्रयास से आनंद मोहन को दोषी ठहराया गया था लेकिन वर्तमान राज्य सरकार द्वारा उन्हें रिहा करना उनके निर्दोष होने की बात को ही सिद्ध करता है.
राजीव प्रताप रूडी ने नीतीश सरकार पर साधा निशाना
राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि आनंद मोहन की राजनीतिक यात्रा को पूरी तरह समाप्त करने का हर वो कदम उठाया गया था, जिससे उनकी राजनीति को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके, लेकिन वर्तमान राज्य सरकार ने अपनी लोकप्रियता क्षवि धूमिल होते देख उनकी रिहाई का निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि एक बार फिर से वो सक्रिय राजनीति में आकर जनसेवा करेंगे. बता दें कि आनंद मोहन की राजनीतिक यात्रा राजीव प्रताप रूडी के साथ ही शुरू हुई थी. दोनो 1990 में एक साथ विधायक बने थे. बिहार पीपुल्स पार्टी के संस्थापक सदस्य हैं रूडी , रूडी के साथ ही आनंद मोहन ने पार्टी का गठन किया था.
प्रभुनाथ सिंह की रिहाई की मांग
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रभुनाथ सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी राजनीति में वे सहयोग करते रहे हैं, उनके साथ जनसेवा में भी साथ रहे हैं, उनके भाई वर्तमान में राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर विधायक भी हैं उन्हें भी सरकार को जेल से छोड़ना चाहिए, उन्हें भी किसी न किसी परिस्थिति में इन्हीं सरकारों ने मिल जुलकर जेल भिजवाया था और साक्ष्य प्रस्तुत करके आजीवन कारावास दिलाया था. पूर्व केंद्रीय मंत्री रूडी ने सरकार से प्रभुनाथ सिंह की भी रिहाई की मांग की है.
'प्रभुनाथ सिंह की लोकप्रियता बनी हुई है'
बता दें कि आनंद मोहन के पुत्र भी आरजेडी में हैं तो प्रभुनाथ सिंह के भाई भी आरजेडी में ही हैं. आनंद मोहन और प्रभुनाथ सिंह दोनो 1990 के साथी है और एक ही दल से चुनाव जीते थे, प्रभुनाथ सिंह भी जेडीयू के टिकट पर सांसद रह चुके हैं. रुडी ने कहा कि प्रभुनाथ सिंह को भी सरकार द्वारा रिहा करना चाहिए, प्रभुनाथ सिंह भी दो बार विधायक और चार बार सांसद रहे और आज भी उनकी लोकप्रियता बनी हुई है.
ये भी पढ़ें: 5 दिसंबर 1994: दलित समुदाय से आने वाले जी. कृष्णैया की मुजफ्फरपुर में हत्या, इस घटना से पहले क्या-क्या हुआ था