मुजफ्फरपुर: बिहार में इन दिनों शिक्षक भर्ती (BPSC Teacher Recruitment) को लेकर खूब राजनीतिक बयानबाजी हो रही है. विपक्ष इस मुद्दे को लेकर नीतीश सरकार पर कई आरोप लगा रहा है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) ने गुरुवार को सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नियुक्ति नहीं बल्कि बड़ा घोटाला है. पूर्व से नियुक्त किए गए हुए शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटा जा रहा है. यह काम तो हमारे समय में किया गया था. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ढकोसलाबाजी कर रहे हैं और लोग को गुमराह कर रहे हैं.
'80 फीसदी से अधिक लोग तो पहले से नियुक्त थे'
सम्राट चौधरी ने कहा कि जिस काम को हमारे दौर में शिक्षा विभाग के द्वारा निकाला गया था और नियोजित किया गया था. उसी को फिर से बीपीएससी के द्वारा से नई भर्ती दिखाई जा रही है. शिक्षक से बात की जाए तो 80 फीसदी से अधिक लोग तो पहले से नियुक्त थे. यह तो पहले हमलोगों ने ही निकाली थी. हमारा काम तो 2005 से 2012 के समय हुआ था और अगले ही चरण में 1.50 शिक्षक को किया जा चुका था, जिसमें नियोजित शिक्षकों के साथ एसटीईटी वाले को बीपीएससी के द्वारा दोबारा नियुक्त कर दिया गया है.
शिक्षकों को दिया गया नियुक्ति पत्र
बता दें कि दिवाली से पहले राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र के रूप में तोहफा दिया है. गुरुवार को उच्च माध्यमिक विद्यालय (कक्षा 11-12 ), माध्यमिक विद्यालय (कक्षा 9-10 ) एवं प्राथमिक विद्यालय (कक्षा 1-5 ) के कुल 01 लाख 20 हजार 336 नवनियुक्त शिक्षकों को सांकेतिक रूप से नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया. 01 लाख 70 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बीपीएससी के द्वारा परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें 8 लाख युवाओं ने भाग लिया था.