पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) कई मुद्दों को लेकर सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को घेरते रहते हैं. वहीं, शनिवार को उन्होंने शराबबंदी कानून को लेकर नीतीश कुमार से सवाल पूछा. उन्होंने कहा कि हम हमेशा शराबबंदी (Liquor ban in Bihar) के पक्ष में रहे हैं, लेकिन छह साल में कानून में बार-बार बदलाव करते हुए इसे दलित-आदिवासी-पिछड़ा विरोधी बना दिया गया. गरीब आदमी की तो गाड़ी नहीं होती और अमीर की गाड़ी में शराब मिलने पर अब वह वाहन बीमा राशि का 50 के बजाय मात्र 10 फीसद जुर्माना देकर छूट सकता है. कानून में यह बदलाव क्या अमीरों के पक्ष में नहीं है?


अनुग्रह राशि मिलना कठिन हो गया- सुशील कुमार मोदी


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जब गरीब आदमी शराब पीते पकड़ा जाता है, तो जुर्माने की रकम नहीं देने के कारण जेल जाता है, जबकि अमीर लोग आराम से तीन हजार रुपये भर कर छूट जाते हैं. अमीर लोग शराब की होम डिलीवरी करा लेते हैं. बीजेपी के दबाव में सरकार ने जहरीली शराब से मरने वालों के आश्रितों को नियमानुसार चार लाख रुपये देने का फैसला तो किया, लेकिन नियमावली ऐसी बनाई कि अनुग्रह राशि मिलना कठिन हो गया.


'शराबबंदी कानून बड़े लोगों को राहत देने वाला'


बीजेपी नेता ने कहा कि जहरीली शराब पीने से 500 से ज्यादा लोग मर चुके हैं. सरकार बताए कि अभी तक कितने लोगों को 4 लाख रुपये का मुआवजा मिल चुका है? सरकार बताए कि जहरीली शराब के 50  से ज्यादा मामले में अभी तक एक व्यक्ति को भी सजा क्यों नहीं मिल पाई? शराबबंदी कानून बड़े लोगों को राहत देने वाला हो गया है. इसकी जगह 'परमिट पर शराब' का गुजरात मॉडल क्यों नहीं अपनाया जा सकता?


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