पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने गुरुवार को कहा कि क्या नीतीश कुमार (Nitish Kumar) केंद्र की सत्ता वे दिन लौटाना चाहते हैं, जब देवगौड़ा-गुजराल (Deve Gowda-Gujral) जैसे कमजोर प्रधानमंत्री होते थे और सरकार छह-सात महीनों में बदल जाती थी? नीतीश कुमार को यदि न कोई नाराजगी है, न वे विपक्षी मंच के संयोजक बनना चाहते हैं, बल्कि सिर्फ बदलाव चाहते हैं, तो उन्हें जनता को बताना चाहिए कि क्या-क्या बदलाव चाहते हैं? क्या वे चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में फिर से धारा-370 प्रभावी कर दी जाए और अलगाववादी नेताओं को रिहा कर उन्हें वार्ता के लिए बुलाया जाए, बिरयानी खिलाई जाए?
नीतीश कुमार इन फैसले को बदल देना चाहते हैं?- सुशील मोदी
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि क्या विपक्ष दिल्ली में ऐसी सरकार चाहता है, जो सर्जिकल स्ट्राइक न कर सके? नीतीश कुमार ने तो धारा-370, सर्जिकल स्ट्राइक, नोट बंदी और जीएसटी के मुद्दे पर केंद्र सरकार का समर्थन किया था. अब क्या वे अपने फैसले को गलत मानते हैं? क्या नीतीश कुमार किसान सम्मान निधि की शुरुआत, फौरी तीन तलाक पर रोक और सामान्य वर्ग के युवाओं को 10 फीसद आरक्षण (ईडब्लूएस कोटा) जैसे ऐतिहासिक फैसले भी बदल देना चाहते हैं?
'नीतीश कुमार दरअसल अपनी कुर्सी में बड़ा बदलाव चाहते हैं'
बीजेपी नेता ने कहा कि यदि हिम्मत हो, तो नीतीश कुमार एलान करें कि यदि उनके मन की सरकार बनी, तो वे जन-धन खाता, वन रैंक-वन पेंशन, गरीबों को मुफ्त राशन और आयुष्मान भारत जैसी योजनाएं बंद करा देंगे. क्या वे यही बदलाव चाहते हैं? नीतीश कुमार दरअसल अपनी कुर्सी में बड़ा बदलाव चाहते हैं और उसकी सम्भावना खत्म हो चुकी है. असली पीड़ा यही है.