पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Women Reservation Bill) ने गुरुवार को कहा कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar), राबड़ी देवी (Rabri Devi) और कांग्रेस (Congress) के जो लोग महिला आरक्षण विधेयक को तुरंत लागू करने के लिए दबाव बना रहे हैं, वे चाहते हैं कि यह विधेयक संसद से पारित होते ही सुप्रीम कोर्ट में जा कर फंस जाए. नारी शक्ति वंदन विधेयक लोकसभा में दो तिहाई से भी अधिक बहुमत से पारित कराने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को मिली सफलता विपक्ष को पच नहीं रही है. वे इसलिए इसके लागू होने पर संदेह कर रहे हैं. यह विधेयक पूरी वैधानिकता के साथ 2029 में अवश्य लागू होगा, यह भरोसा रखना चाहिए.


परिसीमन आयोग रिजर्व सीटों का निर्धारण करता है- बीजेपी


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिना जनगणना कराए सरकार यह नहीं तय कर सकती कि कितनी और कौन-कौन सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. आजादी के बाद से यही परंपरा रही कि जनगणना के आंकड़ों के आधार पर परिसीमन आयोग आरक्षित सीटों का निर्धारण करता है. जो लोग जल्दबाजी में महिला आरक्षण को 2024 के संसदीय चुनाव से लागू कराने की बात कर रहे हैं. वही ऐसे कदम के खिलाफ सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.


'एनडीए सरकार कोई वैधानिक त्रुटि नहीं छोड़ सकती'


बीजेपी नेता ने कहा कि 1991में नरसिंह राव की सरकार ने कार्यपालक आदेश जारी कर ऊंची जाति के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण दे दिया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक घोषित कर आरक्षण रद कर दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में जब संविधान संशोधन बिल पास करा कर सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण दिया, तब यह न्यायालय में खरा साबित हुआ. यही आरक्षण आज लागू है. महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण देने का फैसला करने और इसे लागू करने में एनडीए सरकार कोई वैधानिक त्रुटि नहीं छोड़ सकती.


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