पटना: जहरीली शराब (Spurious Liquor) से मरने वाले के परिजनों को मुआवजे की घोषणा के बाद इस मुद्दे पर खूब बयानबाजी हो रही है. नीतीश सरकार की इस घोषणा को बीजेपी अपनी जीत बता रही है. पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को कहा कि नीतीश कुमार( Nitish Kumar) ने जहरीली शराब से मरने वालों के आश्रितों को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा बीजेपी के दबाव में और आधे-अधूरे मन से की. नीतीश कुमार को 'जो पीएगा, सो मरेगा' वाले बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए. जहरीली शराब पीने से मरने वालों और उनके गरीब आश्रितों के प्रति ऐसा कठोर रवैया रखने के कारण सैकड़ों परिवार मुआवजा पाने से वंचित रहे.


'जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा छिपाया गया'


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि जहरीली शराब पीने से मौत होने पर पुलिस के डर से जिनका शव पोस्टमार्टम बिना जला दिया गया और जिनकी मौत का कारण सरकार ने डायरिया या अज्ञात बीमारी बता दिया,उनके परिवार को मुआवजा कैसे मिलेगा? इस पर मुख्यमंत्री को स्पष्ट घोषणा करनी चाहिए. इससे ऐसे मृतकों के परिवारों को तो कोई राहत नहीं मिलेगी, जिनके जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा छिपाया गया.


आकड़ों को लेकर उठाए सवाल


बीजेपी नेता ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सारण में जहरीली शराब से 77 लोगों के मरने की पुष्टि की, जबकि सरकार ने केवल 12 लोगों की मौत का कारण जहरीली शराब को माना था. 30 लोगों की मौत अन्य बीमारियों से बताकर सरकार ने सारण में मात्र 42 मौत की पुष्टि की. वर्ष 2016 में पूर्ण मद्यनिषेध लागू होने के बाद से जहरीली शराब पीने से मौत की घटनाओं में 300 से ज्यादा जानें गईं, जबकि राज्य सरकार ने नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो को मात्र 23 के मरने की जानकारी दी.


सरकार ब्याज के साथ मुआवजे की भुगतान करे- सुशील मोदी


नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए सुशील मोदी ने कहा कि अब अगर सरकार पीड़ित परिवारों की मदद करना चाहती है, तो उसे आवेदन नहीं, केवल शपथपत्र लेकर 4-4 लाख रुपये की राशि ब्याज के साथ भुगतान करनी चाहिए. जहरीली शराब पीने से जिनकी आंखों की रोशनी चली गई और जिनका इलाज चल रहा है, उनको भी सहायता मिलनी चाहिए.


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