Karpuri Thakur: कर्पूरी के नाम पर बिहार की सियासत गरमाई, सुशील मोदी ने 'परिवारवाद' के मुद्दे पर RJD और कांग्रेस को खूब कोसा
Sushil Kumar Modi Statement: कर्पूरी ठाकुर की जयंती के मौके पर बिहार में खूब राजनीतिक बयानबाजी हो रही है. वहीं, इस मौके पर बीजेपी नेता सुशील मोदी ने आरजेडी और कांग्रेस पर हमला बोला.
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पटना: राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने बुधवार को कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर (Karpuri Thakur) जीवन भर पिछड़ा-विरोधी कांग्रेस के विरुद्ध संघर्ष करते रहे और कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर ही वे दो बार बिहार के यशस्वी मुख्यमंत्री बने. 31साल बाद (मरणोपरांत) उन्हें भारत-रत्न मिलने पर आरजेडी और जेडीयू के जो लोग दबी जुबान से स्वागत कर रहे हैं, वे आज उसी कांग्रेस की गोद में बैठे हैं, जिससे कर्पूरी जी नीति, नीयत और आचरण के हर स्तर पर जूझते रहे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान देकर पिछड़ा-अतिपिछड़ा समाज के सामने कुछ दलों का कपटी और अवसरवादी कर्पूरी-प्रेम पूरी तरह उजागर कर दिया. इसके लिए देश के 70 करोड़ पिछड़ों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी का कोटि-कोटि अभिनंदन और आभार.
लालू यादव पर साधा निशाना
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि दो बार मुख्यमंत्री रहने वाले कर्पूरी ठाकुर ने अपना मकान तक नहीं बनाया और न अपने परिवार के किसी व्यक्ति को राजनीति में आगे बढा कर वंशवाद थोपने की कोई कोशिश की. उनकी बेटी की शादी में कार्ड तक नहीं छपा था. विडंबना ही है कि कर्पूरी जी का नाम जपने वाले लालू प्रसाद ने सत्ता का दुरुपयोग कर न केवल अरबों रुपये की सम्पत्ति बनाई, बल्कि पत्नी, बेटा-बेटी सहित परिवार के आधे दर्जन लोगों को राजनीति में आगे बढाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी. अभी उनका सबसे बड़ा लक्ष्य तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाना है, जबकि ऐसे लोगों को कर्पूरी ठाकुर का नाम लेने का भी कोई हक नहीं.
'इस थेथरोलॉजी को भी बिहार देख रहा है'
बीजेपी नेता ने कहा कि 2004-2009 तक लालू प्रसाद केंद्र की कांग्रेस सरकार में ताकतवर रेलमंत्री थे और अगले पांच साल (2009-2014 ) भी केंद्र सरकार में उनकी हनक थी, लेकिन उन 10 सालों में उन्होंने कर्पूरी ठाकुर को भारत-रत्न दिलाने की कोई पहल नहीं की. आज उनकी पार्टी श्रेय लूटने के लिए सिर्फ यह बता रही है कि उसने जननायक को भारत-रत्न देने के लिए मांग कितनी बार की. इस थेथरोलॉजी को भी बिहार देख रहा है.
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