पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 600 करोड़ रुपये के जमीन घोटाला में पूछताछ के बाद गिरफ्तार हेमंत सोरेन को जमानत देने से इनकार कर दिया. इससे साफ है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री के विरुद्ध भ्रष्टाचार के मामले में ईडी की कार्रवाई ठोस प्रमाण पर आधारित है और राजनीतिक कारणों से किसी को परेशान करने के आरोपों में कोई दम नहीं. भ्रष्टाचार के मामले में जांच एजेंसियों की कार्रवाई के निरुद्ध ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल से लेकर तेजस्वी यादव तक, विपक्षी नेता भले ही राजनीतिक बयानबाजी करते हैं, लेकिन पिछले 10 साल में इनमें से कोई न न्यायालय गया, न किसी को कानूनी राहत मिली.


भ्रष्टाचार को लेकर सुशील मोदी का विपक्षियों पर हमला


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सारे विपक्षी नेताओं ने मिल कर जब सुप्रीम कोर्ट से ईडी की कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए अपील की, तब न्यायालय ने उसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि भ्रष्टाचार के मामले में राजनीतिक लोगों को राहत देने का कोई कानून नहीं है. यदि सत्ता का दुरुपयोग कर घोटाला करने और करोड़ों रुपये की सम्पत्ति बनाने के आरोप केवल बदले की भावना से प्रेरित थे, तो इन ताकतवर लोगों को किसी अदालत से जमानत क्यों नहीं मिली?


'किसी मामले में वे निर्दोष साबित नहीं हो पाए'


आगे बीजेपी नेता ने कहा कि केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे मनीष सिसोदिया और संजय सिंह कई महीनों से जेल में क्यों हैं? उन्हें जमानत क्यों नहीं मिली? गरीबों के मसीहा बनने वाले लालू प्रसाद को 900 करोड़ रुपये के बहुचर्तित चारा घोटाला के चार मामलों में सजा हुई. किसी मामले में वे निर्दोष साबित नहीं हो पाए. उन्हें जमानत केवल स्वास्थ्य के आधार पर मिली हुई है.


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