पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) शनिवार को ने कहा कि 'नौकरी के बदले जमीन मामले' (Land for job Scam) में विशेष न्यायालय के संज्ञान लेने और राबड़ी देवी, मीसा यादव सहित 9 आरोपियों को कोर्ट में नौ फरवरी को उपस्थित होने का समन मिलने पर लालू प्रसाद को बताना चाहिए कि सच क्या है. ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के आरोप पत्र में न्यायालय के समक्ष ठोस प्रमाण रखे गए हैं, इसलिए लालू प्रसाद  और तेजस्वी यादव को  राजनीतिक बयान देने के बजाय तथ्यपरक जवाब देना चाहिए.


हृदयानंद चौधरी का नाम लेकर घेरा


सुशील मोदी ने कहा कि लालू यादव को देश की जांच एजेंसियों को बताना ही होगा कि ये अमित कात्याल कौन है, जिसकी कंपनी ने रेलवे में नौकरी पाने वालों की जमीन खरीदी? तेजस्वी यादव बताएं कि वे दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के 150 करोड़ के मकान डी-1088 के मालिक कैसे बन गए और कौन हैं हृदयानंद चौधरी, जिन्होंने रेलवे के ग्रुप-डी की नौकरी पाने के बदले अपनी कीमती जमीन राबड़ी देवी और हेमा यादव को गिफ्ट कर दी? 


सुशील मोदी ने उठाए कई सवाल


बीजेपी नेता ने कहा कि एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मालिक अमित कात्याल की गिरफ्तारी के बाद परिवार पर कानून का शिकंजा कसता जा रहा है. ये वही अमित कात्याल (एके) हैं जिन्होंने राबड़ी देवी की सरकार के समय बिहटा में शराब की फैक्ट्री लगाई थी और बदले में अपनी कंपनी एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के सारे सारे शेयर मात्र एक लाख रुपये में तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी को बेच दिये थे. वहीं, बता दें कि बिहार में राजनीतिक हलचल के बीच अब उथलपुथल के संकेत मिलने लगे हैं. सीएम नीतीश कुमार महागठबंधन छोड़कर एक बार फिर एनडीए में वापसी कर सकते हैं.


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