पटना: राजधानी पटना के बिहटा में हुए बालू माफिया (Sand Mafia) कांड के बाद सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं. पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने बुधवार को कहा कि बिहार में लालू और बालू का रिश्ता अटूट है, इसलिए आरजेडी (RJD) के सत्ता में आते ही बालू माफिया का दुस्साहस बढ़ जाता है और इसी का परिणाम है कि महिला अधिकारी पर जानलेवा हमला हुआ. बालू माफिया आरजेडी की पॉलिटिकल फंडिंग करता है. नीतीश कुमार ने खनन विभाग लालू प्रसाद की पार्टी को सौंप कर बिल्ली को दूध की रखवाली देने-जैसा फैसला किया है.


 'सीएम में बालू माफिया पर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं'


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बालू माफिया सुभाष यादव को आरजेडी ने चतरा से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया था. दूसरे बालू माफिया आरजेडी के पूर्व विधायक अरुण यादव दुष्कर्म के मामले में जेल की सजा काट रहे हैं. इन्हीं सुभाष यादव और अरुण यादव ने राबड़ी देवी के आठ फ्लैट एक ही दिन में 5 करोड़ 28 लाख में खरीदे थे. पिछले छह माह में पुलिस पर बालू माफिया के हमले के एक दर्जन से ज्यादा घटनाएं हुईं हैं. बिहटा-मनेर-विक्रम इलाके में राजनीतिक संरक्षण-प्राप्त बालू माफिया के हमले की एक घटना में 1000 राउंड गोलियां चली थीं. नीतीश कुमार में बालू माफिया पर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं है, इसलिए अवैध खनन बढ़ रहा है और राजस्व वसूली घट रही है.


नीतीश कुमार को यह जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए- सुशील मोदी


बीजेपी नेता ने कहा कि कैग की रिपोर्ट के अनुसार खनन विभाग में फर्जी चालान से स्कूटर, कार, एंबुलेंस में बालू की ढुलाई से विभाग को 355 करोड़ रुपया का नुकसान हुआ. साथ ही वर्ष 22-23 में अवैध खनन के कारण राजस्व में लक्ष्य से 500 करोड़ रुपया कम संग्रह हुआ. जब आरजेडी विधायक के चहेते खनन विभाग के पटना कार्यालय में घुसकर कर्मचारियों से मारपीट और तोड़फोड़ कर रहे हैं, तब विभाग अपना काम कैसे कर सकता है? ऐसी घटनाएं संगठित अपराध से मुख्यमंत्री के समझौता कर लेने का सबूत हैं. नीतीश कुमार जब हर बात का श्रेय खुद लेते हैं, तब राज्य की प्राकृतिक सम्पदा की लूट नहीं रोक पाने की जिम्मेदारी भी उन्हें ही लेनी चाहिए.


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