पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने रविवार को नीतीश सरकार (Nitish Kumar) पर हमला बोलते हुए कहा कि भीड़ ने बेगूसराय में नाबालिग छात्रा को निर्वस्त्र कर पीटा, लेकिन पुलिस कुछ न कर सकी. बेतिया और रामगढवा में भी महिला को बांध कर सार्वजनिक रूप से पीटने और अपमानित करने की घटनाएं हुईं. बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) ने हाल की इन घटनाओं पर एक शब्द नहीं कहा, क्यों? उन्हें महिला की पीड़ा महसूस नहीं हुई? महिला किसी राज्य की हो, किसी धर्म-जाति की हो, लेकिन उसके साथ भीड़ की बर्बरता पर चुनिंदा चुप्पी और चुनिंदा विलाप की राजनीति बंद होनी चाहिए.


महागठबंधन पर साधा निशाना


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि तीन दिन के भीतर की इन बर्बर घटनाओं पर मुख्यमंत्री और उनके ज्ञानी प्रवक्ताओं ने चुप्पी साध ली. बेशक, मणिपुर की घटना निंदनीय है और प्रधानमंत्री ने भी उस पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है, लेकिन बेगूसराय में छात्रा से बर्बरता की घटना पर फर्जी 'इंडिया' से जुड़े दलों को न कोई पीड़ा हुई, न कोई शर्मसार हुआ.


अपराध को लेकर बीजेपी के निशाने पर नीतीश सरकार


बीजेपी नेता ने कहा कि मुजफ्फरपुर में प्रापर्टी डीलर समेत तीन की हत्या, बालिका विद्यालय में घुस कर 15 छात्राओं की लाठी से सामूहिक पिटाई, बक्सर में दो नाबालिग बहनों को अगवा कर उनके साथ दुष्कर्म और फिर उन्हें बेच दिए जाने का दुस्साहस और भागलपुर में छात्राओं से सरेराह छेड़खानी करने के आरोपी को छुड़ा ले जाने वाली भीड़ के आगे पुलिस का बेबस रह जाना क्या बिहार को शर्मसार करने वाली घटनाएं नहीं हैं? क्या यह जंगलराज की वापसी नहीं है? ललन सिंह, शिवानंद तिवारी और मंत्री अशोक चौधरी मणिपुर की घटना पर जो सवाल प्रधानमंत्री से पूछ रहे हैं, वे सवाल अपने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से क्यों नहीं पूछते?


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