पटना: मोतिहारी में 30 से ज्यादा संदिग्ध मौत (Motihari Hooch Tragedy) के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है. इसको लेकर खूब बयानबाजी हो रही है. वहीं, बीजेपी (BJP) इस मुद्दे पर आक्रामक हो गई है. पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने रविवार को कहा कि 2016 में शराबबंदी (Liquor ban in Bihar) लागू होने के बाद से जहरीली शराब पीने की घटनाओं में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई. यह हादसा नहीं, दलितों-गरीबों की हत्या का मामला है और इसकी जिम्मेदारी लेकर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को इस्तीफा देना चाहिए.


नीतीश कुमार पर साधा निशाना


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जहरीली शराब से मरने वालों और उनके आश्रितों के प्रति नीतीश कुमार की कोई सहानुभूति नहीं है. पूर्वी चम्पारण में जहरीली शराब से जिनकी मृत्यु हुई, उनके आश्रितों को भी उत्पाद कानून के अनुसार 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलनी चाहिए. खजूरबन्ना (गोपालगंज) में जहरीली शराब से मरने वाले 30 लोगों को मुआवजा दिया गया गया था.


'एक माफिया के गैंगवार में मारे जाने पर आंसू बहा रहे हैं'


बीजेपी नेता ने कहा कि जेडीयू-आरजेडी सहित जिन सात दलों के राज में दो दिन के भीतर जहरीली शराब से दलित-आदिवासी समुदाय के 30 से ज्यादा लोगों की जान गई, वे यूपी के एक माफिया के गैंगवार में मारे जाने पर आंसू बहा रहे हैं. माफिया अतीक और उसके गुर्गों के मारे जाने से उत्तर प्रदेश की जनता खुश है लेकिन जिन्होंने बिहार में शहाबुद्दीन को माफिया बनाया, वे पड़ोसी राज्य के एक दुर्दांत माफिया का मजहब देख कर उसकी मौत पर छाती पीट रहे हैं.


आरजेडी शासन में नरसंहार होते थे- सुशील मोदी 


सुशील मोदी ने कहा कि लालू-राबड़ी राज में मंत्री वृजबिहारी प्रसाद को पुलिस सुरक्षा में रहते हुए अस्पताल परिसर में गोलियों से भून दिया गया था. अजित सरकार, अशोक सिंह सहित आधा दर्जन विधायकों की हत्या भी उसी दौर में हुई, लेकिन आरजेडी से मिल कर सत्ता पाने वाले लोग यह सब भूल गए. आरजेडी शासन में दलित-पिछड़े हत्या-नरसंहार का शिकार होते थे, आज चाचा-भतीजा राज में जहरीली शराब के जरिये दलित-आदिवासी नरसंहार हो रहा है.


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