पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा कि शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) के अवर मुख्य सचिव (एसीएस) केके पाठक (KK Pathak) एक तरफ दलित समुदाय से आने वाले राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को अपमानित करने पर तुले हैं और दूसरी तरफ शिक्षा में बदहाली को लेकर जेडीयू (JDU) को आईना दिखा रहे हैं. इसी दल के लोग 15 साल तक शिक्षा मंत्री होते रहे. शिक्षा विभाग जब आरजेडी (RJD) कोटे में गया, तब मुख्यमंत्री ने मंत्री चंद्रशेखर (Prof. Chandra Shekhar) को नियंत्रण में रखने के लिए विवादास्पद केके पाठक को एसीएस बना दिया.


चंद्रशेखर 22 दिन तक कार्यालय नहीं गए- सुशील कुमार मोदी 


सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पाठक की कार्यशैली से हालात ऐसे हो गए कि चंद्रशेखर 22 दिन तक कार्यालय नहीं गए. यदि शिक्षा विभाग इतना बदहाल रहा कि उसमें सुधार के लिए अब किसी अधिकारी को सामूहिक वेतन कटौती और निलंबन जैसी सख्ती करनी पड़ रही है, तो जेडीयू को इस विफलता की जिम्मेदारी लेकर लाखों गरीब छात्रों के अभिभावकों से माफी मांगनी चाहिए.


केके पाठक को लेकर नीतीश सरकार पर उठाया सवाल


राज्यसभा सदस्य ने कहा कि यदि केके पाठक की धमकाने-गलियाने और कानून का डंडा चलाने वाली कार्यशैली ही ठीक है, तो वे अब तक किसी विभाग में क्यों नहीं टिक पाए? पाठक शिक्षा विभाग में दूसरी बार लाए गए. मुख्यमंत्री बताएं कि उत्पाद, खनन, परिवहन और निबंधन जैसे विभागों से उनको क्यों हटाना पड़ा और अब वे कब तक शिक्षा विभाग में रह कर सरकार की फजीहत कराते रहेंगे?


मंत्री डॉ. चंद्रशेखर और केके पाठक में हुआ था तकरार


बता दें कि इन दिनों शिक्षा विभाग काफी चर्चा में है. कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर के सरकारी आप्त सचिव ने विभाग के अपर मुख्य सचिव को लेकर एक पीत पत्र लिखा था. पत्र में लिखा गया था कि ऐसा देखा जा रहा है कि कई मामलों में सरकार के कार्य संहिता के हिसाब से काम नहीं कराए जा रहे हैं. साथ ही और बातें लिखी गई थीं. इस पत्र के जवाब में आप्त सचिव को ही कड़ी फटकार लगाई. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश पर निदेशक प्रशासन की तरफ से यह आदेश जारी किया गया. वहीं, इस मामले को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने अपने आवास पर शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और आईएएस केके पाठक से मुलाकात भी की थी.


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