पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्य सभा सांसद सुशील मोदी ने दिल्ली में मंगलवार को ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद आरजेडी की 30 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम को रद्द करने की मांग की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान जिस तरह से उत्पाती भीड़ ने हिंसा, तोड़फोड़ और राष्ट्रीय झंडे के अपमान का आक्रामक दुस्साहस किया, उससे इस संदेह की पुष्टि हुई कि किसान आंदोलन को वामपंथी, खालिस्तानी और टुकडे़-टुकडे गैंग ने पूरी तरह हाईजैक कर लिया है.


उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस की गरिमा को चोट पहुंचने वाली घटना के बाद आरजेडी को बिहार में 30 जनवरी को प्रस्तावित मानव श्रृंखला रद्द कर देनी चाहिए. वहीं, किसान नेताओं को भी 1 फरवरी का संसद मार्च रद्द कर सरकार के प्रस्तावों पर वार्ता शुरू करनी चाहिए.



टैक्टर को टैंक की तरह किया इस्तेमाल


उन्होंने कहा कि पंजाब के सम्पन्न बिचौलियों ने किसान आंदोलन के नाम पर न केवल सरकार के सभी प्रस्ताव ठुकरा कर गतिरोध और तनाव बनाये रखा, बल्कि देशविरोधी ताकतों से साठगांठ कर भारतीय गणतंत्र के प्रतीक लाल किले पर हमला किया.


दिल्ली में हुई हिंसा की निंदा करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि टैक्टर को टैंक की तरह इस्तेमाल किया गया, तलवारें लहरायी गईं और शांतिपूर्वक प्रदर्शन की शर्तें तोड़ कर पुलिस पर हमले किये गए. 80 से ज्यादा पुलिसकर्मी जख्मी हुए. हमें गणतंत्र की रक्षा के लिए जान जोखिम में डालने वाले पुलिसकर्मियों पर गर्व करना चाहिए. क्या राहुल गांधी गंभीर रूप से जख्मी जवानों का हाल पूछने जाएंगे?


कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर साधा निशाना


उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरे देश ने दिल्ली में हिंसा का तांडव देखा, लेकिन राहुल गांधी ने न हिंसा और तोड़फोड़ की निंदा की, न आंदोलन स्थगित करने की अपील की. राहुल गांधी ने उल्टे हमला कराने का आरोप सरकार पर लगा कर एक बार फिर साबित किया कि उन्हें न सत्य से मतलब है, न अहिंसा से, वे केवल "गांधी" सरनेम का राजनीतिक इस्तेमाल करते हैं.


दिल्ली की सड़कों पर जमकर मचाया था उपद्रव


गौरतलब है कि करीब दो महीने से दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर्स पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 26 जनवरी को किसान कानून के विरोध में ट्रैक्टर मार्च निकाला था. दिल्ली पुलिस ने भी किसानों को तय रूट पर ट्रैक्टर मार्च करने के लिए अनुमती दे दी थी. लेकिन इसके बाद भी किसानों ने तय रूट से हटकर ट्रैक्टर मार्च निकाला और राजधानी की सड़कों पर जमकर उपद्रव मचाया. इस दौरान प्रदर्शनकारी दिल्ली के लाल किले में भी घुस गए और वहां अपना झंडा फहरा दिया.


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