पटना: नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने राज्य के 94 लाख गरीब परिवारों को 2-2 लाख रुपये की सहायता देने की योजना में लाभुकों को लघु उद्यमी बनाने की शर्तों को छलावा बताया. उन्होंने शनिवार को कहा है कि 6000 रुपये से कम मासिक आय वाले परिवार 2 लाख रुपये में कैसे लघु उद्यमी बनेंगे? यह समझ से परे है. छह हजार रुपये की मासिक आमदनी के साथ पांच आदमी के परिवार को चलाने में पूरा परिवार कर्ज में डूब जाता है और अब 2 लाख रुपये देकर उद्यमी बनाना राज्य के गरीबों के साथ मजाक किया जा रहा है.
उद्योग को लेकर सीएम नीतीश पर हमला
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकार से मांग है कि 94 लाख गरीब परिवारों को सरकार प्रतिमाह 10 हजार रुपये गरीबी भत्ता दे ताकि वे इज्जत पूर्वक अपने जीवन का निर्वाह कर सके. सरकार राज्य की सभी योजनाओं और भुगतान का नियम बनाने के समय सुनिश्चित करती है कि भुगतान से पूर्व लाभुकों से किस प्रकार अवैध राशि की उगाही की जाए. राज्य में रोज हत्या, बलात्कार, लूट, डकैती के कारण निवेशक आने से डर रहे हैं. 33 वर्षों में राज्य का औद्योगिक विकास इसी कारण नहीं हो रहा है. अब 2 लाख की छोटी राशि से उद्यमी बनाने की बात हास्यास्पद है.
'बिहार में राज करना ही सरकार की प्राथमिकता है'
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार में राज करना ही सरकार की प्राथमिकता है. विकास से इन्हें कोई लेना देना नहीं है. राज्य में केन्द्रीय योजनाओं के कारण पथों का विस्तार दिखता है. सरकार ने शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, सिंचाई, ग्रामीण कार्य सहित अन्य कार्य विभागों को चुनावी फंड इकट्ठा करने का स्त्रोत बना लिया है. राज्य में कार्यरत बाहरी एजेंसियां मालोमाल हो गई हैं. उन्हें बिना काम का भुगतान होता है और वे आउटसोर्सिंग के नाम पर लूट मचाए हुए हैं. अधिकारी को प्रत्येक माह फिक्स कमीशन के द्वारा एजेंसियां अपने कार्य की निरंतरता बरकरार रखते हैं.
बिहार की बदहाल स्थिति उजागर हो गई है- विजय सिन्हा
आगे बीजेपी नेता ने कहा कि सरकार द्वारा जारी जातीय सर्वे रिपोर्ट में बिहार की बदहाल स्थिति उजागर हो गई है. अनेक आर्थिक मानकों पर बिहार देश में नीचे से प्रथम अथवा द्वितीय है. अभी तक राज्य की आर्थिक प्रगति का सरकार ढिंढोरा पीट रही थी. अब देश के सामने वास्तविक स्थिति उजागर हो गई है.