पटना: बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने बुधवार को कहा है कि 'भारत' (Bharat) नाम पर विपक्षियों द्वारा अनावश्यक विवाद करके उनका सनातन (Sanaatan) विरोधी होना रणनीति का एक हिस्सा है. संविधान के अनुच्छेद एक में अंकित 'भारत' नाम से देश को जाना जाने पर न तो कोई संवैधानिक रोक है और ना ही कोई कानूनी मनाही है. इसे सकारात्मक भाव में न लेकर विपक्ष 'भारत' नाम विरोधी अभियान में लग गया है. देश के करोड़ों हिन्दुओं की भावना की इनको कोई कद्र नहीं है. साधु-संतों और वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत पर भारत सदियों से अस्तित्व में है.


भारत नाम को लेकर विजय सिन्हा ने 'इंडिया' पर हमला बोला


विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि भारत नाम से देश के अतीत की गौरवमयी श्रेष्ठता की अनुभूति होती है. भारत के आन, बान और शान की गाथा हमारे ग्रंथों में दर्ज है. लोकतंत्र, आर्थिक उदारीकरण, मानवीय मूल्य और आध्यात्मिक ताकत भारत की पहचान रही है. भारत नाम विपक्षियों की तुष्टिकरण के एजेंडा में बाधक बन रहा है,  ये अभी भी मुगलों और अंग्रेजों के द्वारा भारत से घृणा के विचार के समर्थक हैं. भारत माता की जय नहीं कहने वाले लोगों को ये सही ठहराते हैं, ये अपना दुकान बंद नहीं करना चाहते हैं.


देश विरोधी शक्तियों को भारत नाम चुभ रहा है- विजय सिन्हा 


नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि देश विरोधी शक्तियों को भी भारत नाम चुभ रहा है, ये पूरा जोर लगाए हुए हैं कि भारत नाम से देश की पहचान नहीं हो. देश की गुलामी और अधीनता की भावनाओं को संजोकर रखना ही उनका उद्देश्य है. आजादी के अमृत वेला में जब भारत शताब्दी वर्ष मनाएगा, गुलामी की कोई ऐसी कोई निशानी न रहे, जिससे मां भारती के संतानों को लज्जित होना पड़े. सभी भारतीय इसका स्वागत कर रहे हैं और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हैं.


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