Vijay Kumar Sinha: बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने रविवार को कहा कि बीजेपी नेता ने सवाल उठाते हुए कहा कि उनके अहंकारी नेता अपने-अपने दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं तक को हाशिये पर रखकर चल रहे थे तो गठबंधन और देश का भविष्य कहां से तय कर पाते. 2014 में हम जीते तो विपक्ष के लोगों ने उसे 'तुक्का' बताया, 2019 में और बड़ी जीत हुई तो उन्होंने इसे 'पुलवामा का प्रभाव' करार दिया गया. अब जब हम 'लहर विहीन' कहे जाने वाले चुनाव में ऐतिहासिक जीत की दहलीज पर खड़े हैं तो ये लोग कोई और मुहावरा गढ़ने में जुटे हैं. 


आगे उन्होंने कहा कि वास्तव में 4 जून को विकसित भारत के जनसंकल्प की जीत और भारत को विभाजित कर सत्ता की रोटी सेंकने वाले 'राजनीतिक सरगनाओं' की हार होगी.


'अबकी बार 400 पार महज नहीं था नारा' 


विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि लोकसभा चुनाव से जुड़े तमाम पूर्वानुमानों ने जनादेश की दिशा स्पष्ट कर दी है. यह साफ हो चुका है कि मोदी जी के यशस्वी नेतृत्व को एक बार फिर जनता का अपार समर्थन और आशीर्वाद मिलने जा रहा है. 


उन्होंने कहा कि इन अनुमानों ने यह भी बता दिया है कि 'अबकी बार 400 पार' महज नारा भर नहीं था, बल्कि, जमीन से उठी जनभावनाओं की आवाज थी. मोदी सरकार के 10 वर्षों के काम ने देश के हर नागरिक को छूने का प्रयास किया. इस क्रम में सरकार की नीतियों के प्रभाव और प्रसार पर सहमति या असहमति हो सकती है लेकिन, उन नीतियों के पीछे किए जा रहे ईमानदार प्रयास पर सवाल नहीं उठाया जा सकता.


विपक्ष पर साधा निशाना


बीजेपी नेता ने कहा कि दूसरी तरफ विपक्ष के लोग अपने गिरेबान में झांकने की बजाय मोदी जी पर व्यक्तिगत आक्षेप करने में जुटे रहे. वे न तो कोई वैकल्पिक नेतृत्व सामने रख पाए और न ही देश चलाने के लिए कोई नीतिगत एजेंडा लेकर आ सके. उनका सारा प्रयास इसी दिशा में लगा था कि भ्रम, भय और भेद का माहौल बनाकर मोदी सरकार की लोकप्रियता को किस प्रकार कुंद किया जाए.


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