पटना: नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने रविवार कहा है कि बिहार की महागठबंधन (Mahagathabandhan) सरकार पूरी तरह विफल हो गई है और विफलता को छुपाने  के लिए जाति के नाम पर अनाप-शनाप बयानबाजी दिला रही है. देश के संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति पर जाति के नाम पर टिप्पणी कर जेडीयू (JDU) ने अपना वीभत्स चेहरा उजागर कर दिया है. विकास, नई सोच, आधुनिकता और ज्ञान-विज्ञान की बात करने वाले बिहार के इंजीनियर मुख्यमंत्री ने अपने दल से प्रधानमंत्री की जाति पर आक्षेप कराकर यह सिद्ध कर दिया है कि ये जातिवादी सोच और सिद्धांत को ही मानते हैं. इनके दल ने इनके मुखौटा को उजागर कर दिया है.


ललन सिंह पर विजय सिन्हा का प्रहार


विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'सबका साथ सबका विकास' के सिद्धांत पर चलते हैं. उनके लिए सबसे बड़ी जाति देश का गरीब है जिनके उत्थान के लिए दिन रात परिश्रम करते हैं. 2020 के चुनाव परिणाम में 45 सीट मिलने पर भी प्रधानमंत्री के निर्देश पर बीजेपी ने नीतीश कुमार को अपने कंधों पर बैठाकर राज्य का मुख्यमंत्री बनाया. जेडीयू के द्वारा ललन सिंह और नीरज कुमार से प्रधानमंत्री पर टिप्पणी कराई जा रही है जो एक ही समाज से आते हैं. नीतीश कुमार इनको मंत्री नहीं बनाए. ललन सिंह और नीरज कुमार से समाज पूछता है. मुख्यमंत्री इनका उपयोग प्रधानमंत्री को अपमानित कराने के लिए कर रहे हैं. ये दोनों जेडीयू का लठैत के रूप में फल फूल रहें हैं. निराशा में ये अनाप शनाप बयान दे रहे हैं. 


'अगले चुनाव में इनका राजनीतिक अंत तय है'


नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ललन सिंह और नीरज कुमार को यह पता होना चाहिए कि आपका समाज हृदय से प्रधानमंत्री का सम्मान करता है. आपका समाज आपके आचरण के कारण आपको बहिष्कार कर देगा. हर समाज में अधिकतर लोग माननीय प्रधानमंत्री के प्रशंसक हैं. इसलिए दूसरे के इशारे पर अपनी विश्वसनीयता खत्म न करें. समाज में जाति के नाम पर लोगों को विभाजित कर राज करने का इनका खेल से अगड़ा, पिछड़ा, अतिपिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय परिचित हो चुका है. इनके बहकावे में अब लोग नहीं आएंगे. सुशासन के नाम पर अब कुशासन का बोलबाला है. जंगलराज वालों के साथ गठजोड़ कर अब राज्य को बदहाली में धकेल दिए हैं. राज्य की जनता देख रही है. अगले चुनाव में इनका राजनीतिक अंत तय है. बता दें कि शनिवार को जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा था कि गुजरात में मोदी कोई जाति नहीं है बल्कि उपनाम है.


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