पटना: नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के फूलपुर से चुनाव (Phulpur Lok Sabha Seat) लड़ने की अटकलों पर गुरुवार को प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि 26 दलों के विपक्षी गठबंधन को भ्रमित करने की योजना का यह हिस्सा है. देश के लोगों ने देखा है कि किस प्रकार विपक्षी गठबंधन के सूत्रधार बने नीतीश कुमार को बेंगलुरु की दूसरी बैठक में ही कांग्रेस पार्टी ने किनारा कर दिया और उन्हें कोई महत्व नहीं दिया. पटना से बेंगलुरु तक की दूसरी बैठक तक नीतीश कुमार को संयोजक बनाने की चर्चा हो रही थी, लेकिन वह नहीं हुआ. अब जेडीयू द्वारा इनकी हैसियत और महत्व बढ़ाने के लिए यह प्रचार किया जा रहा है.


जेडीयू पर बोला हमला


विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि साल 2022 के यूपी चुनाव में एक-आध जगह को छोडकर बाकी जगह जेडीयू की सभी सीटों पर जमानत जब्त हुई थी. यूपी की जनता यदि इनको इतना चाहती थी तो धनंजय सिंह के जैसे बाहुबली नेता क्यों चुनाव हार गए. जाति के आधार पर जेडीयू यूपी में प्रवेश करना चाहती है, लेकिन इन्हें पता होना चाहिए कि इनकी जाति भी बढ़चढ़ कर यूपी में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व मे बीजेपी को ही वोट देती है. बिहार में अकेले दम पर चुनाव नहीं जीतने वाली पार्टी जेडीयू ख्याली पुलाव पका रही है. चुनाव जीतने के लिए इनको कभी बीजेपी तो कभी आरजेडी का ही सहारा चाहिए. सिद्धांत की तिलांजलि देकर जेडीयू और इनके नेता आज अपना राजनीतिक अस्तित्व बचाने के संकट में हैं.


नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने वाले हैं- बीजेपी


बीजेपी नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री पद प्राप्त करने के लिए बेचैन आरजेडी के लिए यह झूठा प्रचार, मरहम और आशा के रूप में प्राप्त किया जा रहा है. अंदर से परेशान जेडीयू इसी प्रचार में लग गई है कि लोक सभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को गद्दी सौंप देंगे, लेकिन बीजेपी के सभी कार्यकर्त्ता जानते है कि ये बिहार से भी लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ने वाले हैं. 18 वर्षो से विधान परिषद का सदस्य रहकर पिछले दरवाजे से शासन करना इनकी आदत हो गई है. लोकसभा चुनाव में जेडीयू की भारी हार होगी. इसके बाद महागठबंधन के नाम पर महागठबंधन की सरकार को भी गद्दी छोड़ना पड़ेगा.


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